कृति सनोन ने IFFI में की अपने संघर्ष के दिनों पर बात
मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस और निर्माता कृति सनोन ने हाल ही में गोवा में 55वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बोलते हुए अपने संघर्ष के दिनों पर विचार शेयर किए। फिल्म उद्योग में बिना किसी कनेक्शन के बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने वाली कृति ने मास्टरक्लास के दौरान बाहरी लोगों के सामने आने वाले संघर्षों और मीडिया और दर्शकों द्वारा नेपोटिस्म की बातचीत में योगदान देने के बारे में खुलकर बात की।
कृति सनोन ने अपनी बातचीत के दौरान ने कहा कि फिल्मी बैकग्राउंड के बिना किसी व्यक्ति को अपने सपनों के अवसर पाने में समय लगता है। जब से मैं यहां आई हूं, इंडस्ट्री ने मेरा बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया है। बेशक, जब आप फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं होते हैं, तो आपको वहां पहुंचने में समय लगता है। आपको उन अवसरों को पाने में समय लगता है, जिनकी आपको चाहत होती है।
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एक्ट्रेस ने आगे कहा कि आपको उन पत्रिकाओं के कवर पेज पर आने में भी समय लगता है। इसलिए सब कुछ थोड़ा संघर्षपूर्ण होता है। लेकिन 2-3 फिल्मों के बाद, अगर आप कड़ी मेहनत करते रहें और अगर आप इसमें लगे रहें, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता। बॉलीवुड इंडस्ट्री खुद नेपोटिस्म के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है और उन्होंने बताया कि स्टार किड्स को बढ़ावा देने में दर्शकों और मीडिया की भूमिका होती है।
कृति ने बताया कि मुझे लगता है कि नेपोटिज्म के लिए इंडस्ट्री उतनी जिम्मेदार नहीं है। मीडिया और दर्शक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। दर्शक देखना चाहते हैं कि मीडिया कुछ स्टार किड्स के बारे में क्या दिखा रहा है। क्योंकि दर्शकों की उनमें दिलचस्पी है, इसलिए इंडस्ट्री को लगता है कि चूंकि दर्शकों की दिलचस्पी है, इसलिए उनके साथ फिल्म बनाई जाए। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक चक्र है।
कृति ने आगे बताया कि मुझे लगता है कि अगर आप प्रतिभाशाली हैं, तो आप वहां पहुंच जाएंगे। अगर आप प्रतिभाशाली नहीं हैं और अगर दर्शकों के साथ आपका जुड़ाव नहीं है, तो आप वहां नहीं पहुंच पाएंगे। काम की बात करें तो कृति को आखिरी बार काजोल और शहीर शेख के साथ ‘दो पत्ती’ में देखा गया था। शशांक चतुर्वेदी द्वारा निर्देशित, यह फिल्म 25 अक्टूबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। ‘दो पत्ती’ का निर्माण कनिका ढिल्लों और कृति ने किया है।