9-5 नौकरी वालों के लिए काजोल ने कहा कुछ ऐसा, यूजर्स सुना रहे खरी-खोटी
Kajol 9 To 5 Jobs Controversy: अभिनेत्री काजोल ने हाल ही में अपने सेलिब्रिटी चैट शो ‘टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल’ के एक एपिसोड में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। काजोल का मानना है कि 9-5 की कॉर्पोरेट नौकरी करने वालों की तुलना में अभिनेता कहीं ज्यादा मेहनत का काम करते हैं। हालांकि, शो में मौजूद होस्ट ट्विंकल खन्ना और गेस्ट वरुण धवन तथा आलिया भट्ट ने काजोल के इस तर्क से असहमति जताई, लेकिन एक्ट्रेस अपनी बात पर अड़ी रहीं।
प्राइम वीडियो इंडिया पर स्ट्रीम हो रहे इस चैट शो के दौरान काजोल ने अपने तर्क को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि एक्टिंग एक “बहुत ही एक्टिव काम” है और जब आप सेट पर होते हैं, तो आपको अपना 100% देना होता है। काजोल ने जियो हॉटस्टार के लीगल ड्रामा ‘द ट्रायल’ के दूसरे सीजन की शूटिंग का उदाहरण दिया, जिसके लिए उन्होंने लगातार 35 से 40 दिनों तक शूटिंग की।
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byu/arpabecrazy inBollyBlindsNGossip
काजोल ने अपने शेड्यूल की कठिनाइयों को समझाते हुए बताया कि ये 35-40 दिन सुबह जल्दी उठने वाले होते हैं, जहां आपको शूटिंग के साथ-साथ एक्सरसाइज भी करनी होती है। उन्होंने कहा, “आपका खाना ऑर्डर पर होना चाहिए…आप कहीं एक इंच भी वजन नहीं बढ़ा सकते क्योंकि आपके कपड़े अब आपको फिट नहीं होंगे। वैसे, ये बहुत बड़ा दबाव होता है।” उन्होंने तर्क दिया कि शूटिंग न होने पर भी इवेंट्स में 12-14 घंटे पूरी तरह से एक्टिव रहना मुश्किल है।
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काजोल ने डेस्क जॉब करने वाले कर्मचारियों से तुलना करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति 9 से 5 की नौकरी में डेस्क पर बैठा रहता है, तो उसे पूरी तरह से उपस्थित रहने की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा, “आप चाय ब्रेक ले सकते हैं…आप आराम कर सकते हैं, खुलकर खेल सकते हैं, टहल सकते हैं, बातें कर सकते हैं और साथ ही अपना काम भी कर सकते हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते।” उनका निहितार्थ यह था कि डेस्क जॉब में शारीरिक और मानसिक सक्रियता का स्तर एक्टिंग जितना उच्च नहीं होता।
काजोल के इस बयान की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खासकर रेडिट पर कड़ी आलोचना हो रही है। यूजर्स का मानना है कि काजोल का यह बयान कॉरपोरेट और अन्य क्षेत्रों के कर्मचारियों की मेहनत को कम आंकता है। उनका कहना है कि डेस्क पर बैठकर काम करने वाले लोग भी भारी मानसिक दबाव और लंबे वर्किंग ऑवर्स का सामना करते हैं, और भारत की अर्थव्यवस्था में उनका योगदान भी अहम है। यूजर्स का मानना है कि हर प्रोफेशन की अपनी चुनौतियाँ हैं और किसी एक को दूसरे से श्रेष्ठ बताना गलत है।