जावेद अख्तर ने खोली इंडस्ट्री की पोल
Javed Akhtar On Multiplex: 2025 में भारत के सिनेमाघरों में बॉलीवुड की अब तक दर्जनों फिल्में रिलीज हो चुकी हैं लेकिन चली सिर्फ दो ही। विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ जिसने बॉक्स ऑफिस पर करीब 800 करोड़ का कारोबार किया और दूसरी फिल्म अजय देवगन की ‘रेड 2’ है, जो बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत वसूल कर चुकी है और अब मुनाफा वसूल रही है। यह फिल्म भी 100 करोड़ का बिजनेस कर चुकी है। बॉलीवुड की फिल्में क्यों नहीं चल रही है? इसके लिए कई अलग-अलग थ्योरी हैं। फिल्मों की कहानी और जनता का टेस्ट वगैरह-वगैरह, लेकिन भीड़ थियेटरों तक क्यों नहीं पहुंच रही है, इसके पीछे का कारण जावेद अख्तर ने बताया है। जावेद अख्तर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि सिनेमा अब गरीबों के लिए बचा ही नहीं है। सिनेमा को मल्टिप्लेक्स कल्चर खा रहा है। 200 का समोसा और 700 रुपए का टिकट आम जनता फिल्म देखने कहां जाएगी?
कपिल सिब्बल के यूट्यूब चैनल ‘दिल से विद कपिल सिब्बल’ पर जावेद अख्तर ने इंटरव्यू के दौरान बॉलीवुड के कई विषयों पर खुलकर बात की। इंटरव्यू को ‘गुफ्तगू जावेद अख्तर के साथ’ नाम दिया गया था। इसी दौरान जब उनसे पूछा गया कि भारत में फिल्म बिजनेस तेजी से गिर रहा है, तब जावेद अख्तर ने इस पर कहा कि एक समय था कि अमीर और गरीबों के बीच चीजें बटी हुई थी। अमीरों का हॉस्पिटल तो गरीबों का भी हॉस्पिटल था। उस वक्त गरीबों का सिनेमा तो अमीरों का भी सिनेमा हुआ करता था, लेकिन अब कल्चर कलर बदल गया है। जनता के आम विषयों पर फिल्में कम बन रही है। वहीं दूसरी तरफ सिनेमा को मल्टिप्लेक्स कल्चर खा गया है। मल्टीप्लेक्स में 200 का समोसा और 700 रुपए की टिकट होती है ऐसे में गरीब जनता अपने पसंद की फिल्म देखने कहां जाएगी?
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जावेद अख्तर ने कपिल सिब्बल से फिल्म को लेकर कई विषयों पर बात की, लेकिन भीड़ सिनेमाघर तक कैसे पहुंचे, इस विषय पर जब उन्होंने बात की तो बताया कि जब तक गरीब तबके का इंसान फिल्म को नहीं देखेगा कोई भी फिल्म बड़ी हिट नहीं हो सकती। बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने कहा सिनेमा अब अमीरों का हो गया है। गरीबों का सिनेमा बचा नहीं है। इंडिया के पास थिएटरों की भी बड़ी कमी है। ऐसे में फिल्म बिजनेस में गिरावट का एक कारण ये भी है। भारत में यूएस की तरह नहीं है, जहां 35 करोड़ की आबादी पर एक लाख से ज्यादा थिएटर हैं। भारत में 11-12 लाख आदमियों पर एक थिएटर है। इससे आप फिल्म बिजनेस और उससे होने वाली कमाई के फर्क को समझ सकते हैं।