फतेह रिव्यू
फिल्म: फतेह
कास्ट: सोनू सूद, जैकलीन फर्नांडिस, नसीरूदीन शाह और शिव ज्योति राजपूत
निर्देशक: सोनू सूद
रेटिंग्स: 4 स्टार्स
कहानी: ये कहानी है फतेह सिंह नाम के एक ऐसे व्यक्ति की जो पंजाब के एक गांव में अपनी इज्जत की जिंदगी गुजार रहा है। फतेह जो कभी भारत सरकार के लिए विदेश में दुश्मनों का खत्म किया करता था वो अब एक साधारण व्यक्ति की जिंदगी गुजारता दिखता है। इसी दरम्यान वो देखता है कि उसके गांव का एक व्यक्ति साइबर फ्रॉड में फंसने के कारण आत्महत्या कर लेता है। बात यहीं तक नहीं रूकती और उसकी बहन निम्रत कौर भी साइबर क्राइम करने वालों के चंगुल में फंस जाती है। ऐसे में फतेह उसे बचाने निकल पड़ता है जहां वो एक के बाद एक साइबर क्राइम की काली दुनिया से रूबरू होता है। फतेह अंत तक तक साइबर क्राइम के पूरे गिरोह को एक-एक करके खत्म करता है जिसमें उसका साथ देती है खुशी शर्मा जोकि एक एक्सपर्ट हैकर भी है। देश के लाखों लोग जिस प्रकार साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं ये बात फतेह को चुभती है और वो ऐसा गुनाह करने वालों का खात्मा करने का जिम्मा उठा लेता है।
अभिनय: सोनू सूद इस फिल्म की जान हैं। जिस प्रकार से वे अपने किरदार में ढले हुए नजर आए और एक्शन करते दिखे, वो लाजवाब है। हमेशा की तरह जैकलीन भी यहां अपने स्क्रीन प्रेजेंस से हमें इम्प्रेस करती हुई नजर आई। बात करें नसीरुद्दीन शाह की जो यहां नेगेटिव रोल में हैं, वे एक संकी और गंभीर किस्म के शख्सियत की भूमिका को दमदार तरीके से निभाते दिखे। फिल्म में विजय राज भी नेगेटिव रोल में हैं जो अपने किरदार से कुछ इस कदर न्याय करते हैं कि उनके करैक्टर से आपको नफरत महसूस होगी। वहीं फिल्म में निम्रत कौर सोनू सूद की बहन के रोल में हमें यकीनन इम्प्रेस करती हैं।
ये भी पढ़ें- करण जौहर ने अपनी ‘डार्लिंग फारू’ फराह खान को दी जन्मदिन की बधाई
म्यूजिक: फिल्म में आपको कोई ऐसा रोमांटिक टाइटल ट्रैक सुनने को तो नहीं मिलती. क्योंकि ये इंटेंस एक्शन से लैस फिल्म है इसका बैकग्राउंड म्यूजिक बेहद शानदार है. इसी के साथ कुछ गंभीर सीन्स में जिस तरह का म्यूजिक जोड़ा गया है, वो सीन्स में जान डाल देते हैं।
फाइनल टेक: बतौर निर्देशक सोनू इस फिल्म के साथ अपना डेब्यू कर रहे हैं. सोनू ने यकीनन इस फिल्म में अपनी जान लगा दी है। फिल्म में जहां वो शानदार अभिनेता के रूप में हमें खुश करते हैं वहीं एक निर्देशक के रूप में वे अपनी कमाल की एक्शन सीक्वेंस और एडिटिंग से हैरान करते हैं। फिल्म के सीन्स जिस प्रकार एक से दूरे फ्रेम में जम्प करते है, और जिस स्तर का एक्शन यहां दिखाया गया है, ये लाजवाब है। भारतीय फिल्मों में बेहद कम ही ऐसा एक्शन देखने को मिलता है। इसी के साथ फिल्म की कहानी बेहद कसी हुई और मुद्दे पर बात करती है जिस कारण आपको कहीं से भी ये बोर नहीं करती। वहीं इस फिल्म में जैकलीन, ज्योति के किरदारों के बैकग्राउंड पर अधिक प्रकाश नहीं दलाया आया जबकि वे फिल्म के लीड किरदारों में से एक हैं जिस करण ये कुछ जगहों पर मन में सवाल खड़ी करती है। फिल्म की कहानी और इसके स्क्रीनप्ले पर और बेहतर ढंग से काम किया जा सकता था। इसी के साथ कई जगहों पर ये फिल्म दर्शकों के जज्बातों को जगाने में मात खाती नजर आती हैं। अन्यथा ये यकीनन एक मसाला एंटरटेनर फिल्म है। सोनू सूद अब तक जिस प्रकार की फिल्में करते आए हैं, उसके मुकाबले ‘फतेह’ के साथ वे अपने आप को एक कदम आगे ले जाते दिखे। हमारी राय में आप इसे सिनेमाघरों में जरूर एन्जॉय करेंगे।