ईशा और आहना को मिलेगा पिता धर्मेंद्र की संपत्ति में बराबर का हक? जानें 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से क्या कहता है कानून
Dharmendra Property Legal Heir: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने अपनी शानदार अदाकारी और व्यक्तित्व से इंडस्ट्री में ‘ही-मैन’ की पहचान बनाई है। 89 वर्ष की उम्र में भी उनकी फैन फॉलोइंग जबरदस्त है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र की नेटवर्थ 400 से 450 करोड़ रुपये के बीच है, जिसमें मुंबई का आलीशान बंगला, खंडाला और लोनावला में फार्महाउस, और मशहूर रेस्टोरेंट चेन ‘गरम-धरम’ शामिल हैं। धर्मेंद्र की इतनी बड़ी संपत्ति का असली वारिस कौन होगा, यह सवाल हमेशा चर्चा में रहा है, क्योंकि उन्होंने दो शादियां की हैं और उनके कुल छह बच्चे हैं।
धर्मेंद्र ने अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर से चार बच्चों (सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता देओल और विजेता देओल) और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी से दो बेटियों (ईशा देओल और आहना देओल) को जन्म दिया। ऐसे में, कानूनी रूप से उनकी 450 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा, यह एक जटिल सवाल है। इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट के वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने एबीपी न्यूज को सुप्रीम कोर्ट के 2023 के अहम फैसले रेवनसिद्दप्पा बनाम मल्लिकार्जुन (2023 INSC 783) के आधार पर कानूनी स्थिति स्पष्ट की है।
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भले ही किसी व्यक्ति की दूसरी शादी हिंदू मैरिज एक्ट (HMA) के तहत अमान्य (Void) मानी जाती हो (जैसा कि धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी, क्योंकि पहली पत्नी प्रकाश कौर जीवित हैं), तब भी उस शादी से हुए बच्चे कानून की नजर में वैध माने जाएंगे।
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HMA की धारा 16 (1) के तहत ऐसे बच्चों (ईशा और आहना देओल) को अपने माता-पिता की संपत्ति पर पूरा हक मिलेगा। हालांकि, यह हक सिर्फ माता-पिता की स्व-अर्जित संपत्ति और उनकी पैतृक संपत्ति में उनके हिस्से तक सीमित रहेगा, न कि पूरे संयुक्त परिवार या पैतृक संपत्ति पर सीधा अधिकार होगा।
एडवोकेट कमलेश कुमार मिश्रा ने ‘काल्पनिक बंटवारा’ (Notional Partition) की कानूनी प्रक्रिया समझाई। सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले के मुताबिक, दूसरी शादी से हुए बच्चे भी अपने पिता की स्व-अर्जित (Self-Acquired) और पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में उनके हिस्से के हकदार होते हैं।
कानून कहता है कि जब धर्मेंद्र जैसे सहदायिक (Coparcener) की मृत्यु होती है, तो उनकी मृत्यु से ठीक पहले पैतृक संपत्ति का एक काल्पनिक बंटवारा मान लिया जाता है। इस बंटवारे में धर्मेंद्र को जो हिस्सा मिलता, वह उनकी ‘संपत्ति’ मानी जाएगी। इसी संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (HSA) की धारा 8 और 10 के तहत उनके सभी क्लास-1 वारिसों में बराबर होगा। इस बंटवारे में ईशा देओल और आहना देओल भी बराबर की हकदार होंगी, क्योंकि धारा 16 उन्हें वैध बच्चे का दर्जा देती है।
कानूनी स्थिति के अनुसार, धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी हेमा मालिनी को उनकी संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा, क्योंकि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत उनकी शादी वैध नहीं मानी जाती है (चूंकि धर्मेंद्र की पहली शादी कायम थी)। हेमा मालिनी को संपत्ति में हिस्सा केवल तभी मिल सकता है जब धर्मेंद्र ने उनके नाम कोई वसीयत (Will) बनाई हो, जिसमें उन्हें हिस्सा दिया गया हो, या फिर किसी तरह अदालत में शादी की वैधता साबित हो जाए।
धर्मेंद्र की संपत्ति के हकदार उनके सभी 6 बच्चे होंगे: सनी देओल, बॉबी देओल, अजीता देओल, विजेता देओल, ईशा देओल और आहना देओल, साथ ही उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर (यदि जीवित हों)। इन सभी को धर्मेंद्र के हिस्से में आई संपत्ति में बराबर का हकदार माना जाएगा।