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1962 का युद्ध: जब धर्मेंद्र ने ‘हकीकत’ में दिखाया सैनिक का जज्बा, किरदार देख नम हुईं थीं आंखें

Dharmendra: धर्मेंद्र ने 1964 की फिल्म 'हकीकत' में कैप्टन बहादुर सिंह का किरदार निभाया था। यह 1962 युद्ध की कहानी पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से है, जिसकी शूटिंग लद्दाख में हुई थी।

  • By अनिल सिंह
Updated On: Nov 25, 2025 | 08:23 PM

लद्दाख में हुई थी 'हकीकत' की शूटिंग, धर्मेंद्र ने निभाया था कैप्टन बहादुर सिंह का किरदार

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Dharmendra Haqeeqat Film: 1962 का भारत-चीन युद्ध, खासकर रेजांग ला की लड़ाई, भारतीय सैन्य इतिहास में अदम्य साहस की मिसाल है। इस लड़ाई में महज 120 भारतीय जवानों ने 3,000 से ज्यादा चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया था। करीब छह दशक पहले जब यह कहानी लोगों तक पहुंचाना एक चुनौती थी, तब सिनेमा ने सशक्त माध्यम के रूप में काम किया।

1964 में चेतन आनंद की फिल्म ‘हकीकत’ इसी वीरता की कहानी लेकर आई। इसे भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ युद्ध फिल्मों में से एक माना जाता है। फिल्म में दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने कैप्टन बहादुर सिंह का किरदार निभाया, जो असली मेजर शैतान सिंह पर आधारित था। इस फिल्म में धर्मेंद्र ने एक सैनिक का ऐसा जज्बा दिखाया कि हर एक दर्शक की आंखें नम हो गईं थीं।

‘हकीकत’ में निभाए कैप्टन बहादुर सिंह का किरदार

‘हकीकत’ फिल्म में धर्मेंद्र ने कैप्टन बहादुर सिंह की भूमिका निभाई थी। उनके सीनियर अधिकारी मेजर रंजीत सिंह का रोल बलराज साहनी ने निभाया, जबकि सेना के कमांडर ब्रिगेडियर सिंह (जो बहादुर सिंह के पिता भी थे) का किरदार जयंत ने निभाया। फिल्म में एक कमांडर और पिता की उलझनों को बखूबी दिखाया गया था कि कैसे वह अपनी ड्यूटी और सैनिक के कोड से बंधे हैं और अपने बेटे तथा सैनिकों को देश की रक्षा के लिए प्रेरित करते हैं।

ये भी पढ़ें- सिद्धांत कपूर पर दोबारा पूछताछ की तलवार, 252 करोड़ के ड्रग्स रैकेट में बढ़ रही है जांच

लद्दाख में हुई थी शूटिंग

युद्ध की कठिनाइयों और त्रासदी को यथार्थ रूप में दिखाने के लिए, फिल्म को लद्दाख की चुनौतीपूर्ण और बर्फीली जगहों पर शूट किया गया था। इस फिल्म का अंत दुखद है, जहाँ धर्मेंद्र का किरदार कैप्टन बहादुर सिंह और एक लद्दाख की महिला (जो उनकी दोस्त बनती है) जंग में जान गंवा देते हैं। फिल्म के प्रेरक गाने, जिन्हें मोहम्मद रफी ने गाया, कैफी आजमी ने लिखा और मदन मोहन ने संगीत दिया, आज भी सराहे जाते हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने की थी आर्थिक मदद

फिल्म के निर्माण के समय चेतन आनंद के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। एक परिचित के सुझाव पर, उन्होंने पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों से मदद ली। मुख्यमंत्री ने तुरंत दो लाख रुपए देने की सहमति दी, लेकिन शर्त रखी कि फिल्म में पंजाब के सैनिकों के योगदान को भी याद किया जाए। धर्मेंद्र ने इस फिल्म से अपने करियर की शुरुआती भूमिकाओं में ही अपनी छाप छोड़ दी थी। वह जल्द ही फिल्म ‘इक्कीस’ में ब्रिगेडियर एम.एल. खेत्रपाल के रूप में नजर आएंगे।

Dharmendra haqeeqat 1962 war

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Published On: Nov 25, 2025 | 08:23 PM

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