महेश आनंद, फोटो क्रेडिट-इंस्टाग्राम
मुंबई: अमिताभ बच्चन की फिल्मों में विलेन का किरदार निभा चुके महेश आनंद ने बॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाया था। एक समय उनकी शोहरत बुलंदी पर थी, लेकिन जिंदगी के आखिरी वक्त में उनके दिन तंगहाली में बीते। इतना ही नहीं खबर के मुताबिक जब उनकी मौत हुई तो उन्होंने कई दिनों से खाना नहीं खाया था। जब उनकी मौत हुई, तीन दिन के बाद पुलिस उनके घर पर पहुंची थी। पड़ोसियों ने घर से बदबू आने की शिकायत की थी। पुलिस जब पहुंची तो सड़ी-गली अवस्था में उनका शव उनके घर में ही मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उन्होंने कई दिनों से खाना नहीं खाया था।
महेश आनंद की जब मौत हुई तो वह 57 साल के थे। पड़ोसियों ने उनके घर से बदबू आने की शिकायत पुलिस स्टेशन में की थी। पुलिस जब उनके घर पहुंची तो उन्हें सड़ी-गली अवस्था में महेश आनंद का शव मिला। पहले यह खबर सामने आई कि कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हुआ है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया। पता चला कि उनकी डेथ नेचुरल डेथ है। मौत से पहले एक्टर ने कई दिनों से खाना नहीं खाया था। अंग्रेजी वेबसाइट सिनेब्लिट्ज की खबर के अनुसार, काम ना मिलने के चलते महेश काफी डिप्रेस रहते थे और उसे शराब की लत लग चुकी थी। वह ज्यादातर समय नशे में रहते थे।
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महेश आनंद ने अमिताभ बच्चन की शहंशाह और मजबूर जैसी फिल्मों में काम किया था। वह गोविंदा के साथ स्वर्ग फिल्म में भी नजर आए। इसके अलावा उन्होंने थानेदार, विश्वात्मा, गुमराह, खुद्दार, बेताज बादशाह और विजेता जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया था। सभी फिल्मों में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई थी। लेकिन जिंदगी के आखिरी वक्त में उन्हें काम नहीं मिल रहा था और वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। शक्ति कपूर ने इस बात का खुलासा किया था कि जिंदगी के आखिरी वक्त में महेश आनंद आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे।