बंगाली फिल्म निर्देशक अरुण रॉय का निधन
मुंबई: बंगाली फिल्म निर्देशक अरुण रॉय का गुरूवार को निधन हो गया है। उन्होंने कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में 56 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पिछले करीब डेढ़ साल से कैंसर से जूझ रहे रॉय को फेफड़ों में संक्रमण के कारण पिछले महीने आर जी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत बिगड़ गई थी।
अभिनेता देव ने रॉय के निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि तुम बहुत जल्दी चले गए, दोस्त। तुम 24 कैरेट सोने के दिल वाले इंसान थे। देव ने रॉय की फिल्म ‘बाघा जतिन’ में मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसमें बंगाली क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ मुखर्जी के जीवन और बलिदान को दर्शाया गया था। देव के प्रोडक्शन हाउस देव एंटरटेनमेंट वेंचर्स ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि हमें अपने प्रिय निर्देशक अरुण रॉय के निधन की खबर साझा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। एक दूरदर्शी फिल्मकार, उनका जुनून, रचनात्मकता और कहानी कहने के प्रति समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। अरुण दा की आत्मा को शांति मिले।
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अरुण रॉय ने 2011 में अपनी पहली फिल्म ‘इगारो – द इम्मोर्टल इलेवन’ से प्रसिद्धि हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने ‘चोलाई’ (2016), ‘हीरालाल’ (2018), ‘8/12 बिनय बादल दिनेश’ और ‘बाघा जतिन’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी समेत कई कलाकारों ने रॉय के निधन पर शोक जताया है।
अरुण रॉय को उनकी पहली ही फिल्म हीरालाल से काफी प्रसिद्धि मिली थी। इसके अलावा साल 2023 में ‘बाघा जतिन’ क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ मुखर्जी के जीवन पर आधारित फिल्म बनाई, जिसका किरदार देव ने निभाया था। इस फिल्म को आलोचकों और दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। अरुण रॉय को बंगाली सिनेमा में उनके बेहतरीन निर्देशन के लिए जाना जाता है।
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