
धर्मेंद्र के निधन पर अनिल शर्मा बोले, 'उन्हें वर्ल्ड ऑनर मिल रहा है, स्टेट ऑनर छोटी चीज है'
Anil Sharma On Dharmendra Funeral: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन के बाद, जहाँ एक ओर राखी सावंत जैसे सितारों ने उन्हें राजकीय सम्मान न दिए जाने पर सवाल उठाए थे, वहीं दूसरी ओर फिल्ममेकर अनिल शर्मा ने देओल परिवार का बचाव करते हुए एक भावुक बयान दिया है। ‘गदर’ फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने कहा है कि धर्मेंद्र को पूरे देश और दुनिया से जो सम्मान मिल रहा है, वह किसी भी राजकीय सम्मान (स्टेट ऑनर) से कहीं बड़ा है।
अनिल शर्मा ने यह बयान गुरुवार को मुंबई में आयोजित धर्मेंद्र की प्रेयर मीट के बीच दिया। उन्होंने इस मौके को ‘प्रेयर मीट’ कहने के बजाय ‘सेलिब्रेशन’ बताया।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए अनिल शर्मा ने धर्मेंद्र के प्राइवेट फ्यूनरल को लेकर चल रही बहस पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “पूरा भारत उनको ऑनर दे रहा है, स्टेट ऑनर की क्या जरूरत है?” उन्होंने बताया कि सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया, परिवार को ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, हर जगह से कॉल आ रहे हैं। लोग हर जगह उनका जश्न मना रहे हैं। स्टेट ऑनर उनके लिए छोटी चीज है, उन्हें वर्ल्ड ऑनर मिल रहा है।”
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अनिल शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि देओल परिवार को किसी भी तरह का तमाशा करने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, “उनको कोई तमाशा करने की जरूरत नहीं थी, क्या तमाशा?” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि फैंस अभी दर्द में हैं, लेकिन वे अपने तरीके से अभिनेता को सेलिब्रेट कर सकते हैं। फिल्ममेकर ने आगे कहा कि धर्मेंद्र जी ने जो कुछ कमाया है, वह सच में सेलिब्रेशन के हकदार हैं, और यह किसी भी स्टेट ऑनर से कहीं ज्यादा बड़ा है।
देओल परिवार के मुश्किल दौर पर बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि यह सबको पता है और पूरी दुनिया की आँखों में आंसू हैं, और देओल परिवार भी बहुत टूटा हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि धर्मेंद्र के साथ उनकी सबसे अच्छी याद क्या है, तो उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा, प्यार, आँखें और सिर पर थपथपाना।” उन्होंने अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए बताया कि जब वे पहली बार फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ के सेट पर मिले थे, तब वह बच्चे थे और उन्होंने धर्मेंद्र के पैर छुए थे। धर्मेंद्र हमेशा उनसे कहते थे, “मेहनत करो, जीते रहो। मैं उन पलों को कभी नहीं भूल सकता। वह एक सोने जैसे इंसान थे।”






