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मुंबई: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है, जिसके तहत 20 नवंबर को पूरे प्रदेश में एक ही चरण में मतदान होगा तो वहीं 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे भी आ जाएंगे। ऐसे में प्रदेश के सभी सक्रिय राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुट गए हैं और जोर-आजमाइश करने लगे हैं।
23 नवंबर को यह स्पष्ट हो जाएगा की वर्ली विधानसभा की जनता ने इतिहास दोहराया है या फिर इतिहास बनाया है। वर्ली विधानसभा सीट मुंबई के अंतर्गत आती है और यहां से शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे हैं जो कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के पोते और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे हैं।
आदित्य ने बीते 2019 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज की थी, इतना ही नहीं वर्ली सीट लगातार चार बार शिवसेना के कब्जे में रही है। अब तक यहां हुए छह प्रमुख चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी को एक-एक बार मौका मिला है। लेकिन इस बार वोटिंग का पैटर्न क्या होगा यह देखने लायक होगा। आइये आपको बताते हैं, कि पिछले तीन चुनाव में वर्ली विधानसभा सीट की क्या स्थितियां रही है।
2019 विधानसभा चुनाव
उम्मीदवार | दल | वोट | वोट |
---|---|---|---|
आदित्य उद्धव ठाकरे | एसएचएस | 89248 | 69.1 |
एडवोकेट (डॉ.) सुरेश माने | राकांपा | 21821 | 16.9 |
गौतम अन्ना गायकवाड़ | वीबीए | 6572 | 5.1 |
नोटा | नोटा | 6305 | 4.9 |
2014 विधानसभा चुनाव
उम्मीदवार | दल | वोट | वोट |
---|---|---|---|
सुनील गोविंद शिंदे | एसएचएस | 60625 | 40.91 |
अहीर सचिन मोहन | राकांपा | 37613 | 25.38 |
सुनील दत्तात्रेय राणे | भाजपा | 30849 | 20.82 |
कुडतारकर विजय भाऊ | मनसे | 8423 | 5.69 |
दत्तात्रय रामचन्द्र नौघाणे | कांग्रेस | 5941 | 4.01 |
जैसवार राजू तेरासनाथ | बसपा | 1901 | 1.29 |
इनमे से कोई भी नहीं | नोटा | 1559 | 1.06 |
2009 विधानसभा चुनाव
उम्मीदवार | दल | वोट | वोट |
---|---|---|---|
अहीर सचिन मोहन | राकांपा | 52398 | 37.84 |
आशीष चेंबूरकर | एसएचएस | 47104 | 34.01 |
जमादार संजय चंद्रकांत | मनसे | 32542 | 23.5 |
रजनीश शिवाजी कांबले | बसपा | 2381 | 1.72 |
किरण शांताराम माने | एलजेएसपी | 1537 | 1.11 |
वर्ली विधानसभा चुनाव में हुए पिछले तीन चुनाव का इतिहास हमने आपको विस्तार से बताया, लेकिन इस बार राजनीतिक समीकरण कुछ अलग ही बनते दिखाई दे रहे है। शिवसेना UBT और शिंदे गुट बनने के बाद यहां का सियासी समीकरण बड़ा रोचक हो गया है, अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि आदित्य ठाकरे यहां से पुनः चुनाव लड़ते है या आपने लिए कोई दूसरी सीट तलाशते है। हालांकि वर्ली विधानसभा पर ठाकरे परिवार का खासा दबदबा रहा है, इसलिए यहां घेराबंदी करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए आसान नहीं होगा।