नाना पटोल व शरद पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: दक्षिण नागपुर सीट पर दावेदारी के लिए जहां महाविकास आघाड़ी में शामिल घटक दल कांग्रेस व शिवसेना उद्धव ठाकरे के बीच टेंशन शुरू हो गई है वहीं पूर्व नागपुर में भी कांग्रेस व शरद पवार की एनसीपी के बीच जंग शुरू हो गई है। दरअसल, नागपुर पूर्व विधानसभा सीट में कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में विधायक अभिजीत वंजारी द्वारा नागपुर पूर्व की सीट कांग्रेस को ही मिलने के संदर्भ में जोर दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि वरना सांगली पैटर्न अपना जाएगा। यह जानकारी सामने आते ही शरद पवार गुट के पदाधिकारी बौखला गए।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नागपुर शहर अध्यक्ष दूनेश्वर पेठे के नेतृत्व में पदाधिकारियों की बैठक हुई और वंजारी के वक्तव्य का विरोध किया गया। कहा गया कि सीटों का निर्णय जब महाविकास आघाड़ी के आलानेताओं द्वारा किया जाना है तो वंजारी को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कांग्रेस नागपुर की सभी 6 सीटों पर दावा ठोक रही है जिसके चलते एमवीए में शामिल दोनों घटक दलों के साथ स्थानीय से लेकर प्रदेश स्तर तक टेंशन शुरू हो गई है।
कांग्रेस की बैठक में वंजारी ने कहा कि नागपुर पूर्व कांग्रेस का गढ़ रहा है। सतीश चतुर्वेदी पालक मंत्री रहे। अविनाश पांडे, यादवराव देवगडे, पुरुषोत्तम हजारे व मैंने खुद कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य किया है। भले ही लोकसभा चुनाव में पार्टी को लीड न मिली हो लेकिन विधानसभा चुनाव में जरूर जीत हासिल करेंगे। पार्टी पदाधिकारियों के आग्रह पर यह सीट कांग्रेस को ही मिलनी चाहिए।
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बैठक में पुरुषोत्तम हजारे, उमाकांत अग्निहोत्री, नरेश गावंडे, संगीता तलमले, नितिन साठवणे, मालू वनवे, राजेश पौनीकर सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। पूर्व से कांग्रेस के 14 लोगों ने उम्मीदवारी के लिए आवेदन दिया है और किसी को भी टिकट मिले, सभी मिलकर काम करेंगे। अगर यह सीट मित्र दलों में से किसी को दी गई तो कार्यकर्ताओं में नाराजगी आएगी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत कराने की बात कही।
वंजारी द्वारा सांगली पैटर्न की धमकी दिए जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने भी पलटवार किया। तत्काल पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई और बदलते हालात पर क्या भूमिका लेनी है, उस पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर महा विकास आघाड़ी के नेता निर्णय करेंगे। कांग्रेस को सीट मिली तो हम गठबंधन धर्म का पालन करते हुए साथ में काम करेंगे। अगर हमें सीट मिलती है तो कांग्रेस को गठबंधन धर्म का पालन करना ही चाहिए।
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दुनेश्वर पेठे ने कहा कि सांगली पैटर्न के लिए तो हम भी स्वतंत्र हैं। पेठे ने कहा कि बीते 15 वर्ष से कांग्रेस का किला ढह गया है। वह इस सीट से भाजपा को 3 चुनावों में हरा नहीं पाई है। वंजारी ने भी हार को देखते हुए अपना क्षेत्र बदल दिया। 2014 का चुनाव सभी ने स्वतंत्र लड़ा था। तब कांग्रेस का क्या हाल हुआ था, वह भूले नहीं। 2019 में जब एनसीपी साथ आई तब शहर की दो सीटें जीत पाई। उन्होंने कहा कि अब तक एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी गई। इस चुनाव में हमें अवसर मिलना चाहिए।