नागपुर के रामजी श्यामजी पोहेवाला के दुकान में पोहा बनाते राहुल गांधी (सोर्स: एक्स@INCMaharashtra)
नागपुर: लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनावी दौरे के बीच अचानक नागपुर के वर्धा रोड स्थित रामजी-श्यामजी पोहे की दुकान पर पहुंच गए। पहुंचे ही नहीं खुद अपने हाथों से पोहे बनाये। बनाने के बाद खुद भी स्वाद चखा और युवाओं को भी चखाया। राहुल के पहुंचने की खबर मिलते ही सभी हैरान थे, लेकिन उनके आते ही उत्साह चरम पर पहुंच गया। राहुल गांधी ने लगभग 1 घंटे तक युवाओं के साथ संवाद साधा और देश में चल रही परिस्थितियों पर बात की।
राहुल गांधी चिमूर में सभा करने गए थे। वहां से एयरपोर्ट में आते ही उन्होंने अपनी इच्छा जता दी। उनकी इच्छा की जानकारी किसी को नहीं थी। स्थानीय नेताओं को तो इसका भनक तक नहीं लगी। दिल्ली से आई टीम ने कुछ युवाओं को स्टोर के बाहर बुलाया था। राहुल ने उनसे संवाद किया। युवाओं ने एक-एक कर रोजगार, बेरोजगारी, लाडली बहन योजना, संविधान, विकास से संबंधित प्रश्न पूछे। राहुल ने बेखौफ होकर सभी का जवाब दिया।
लोकसभेचे विरोधी पक्ष नेते मा. श्री. राहुलजी गांधी आज महाविकास आघाडीच्या जाहीर सभेसाठी नागपुरात उपस्थित होते. यावेळी त्यांनी नागपुरातील रामजी शामजी पोहे विक्रेत्याच्या दुकानाला व स्थानिक लोकांना भेट दिली. तिथे त्यांनी उपस्थित तरुण सहकारी आणि महिलांशी मनसोक्त संवाद साधला व अनेक… pic.twitter.com/RMBegbHbnJ
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) November 16, 2024
युवाओं से संवाद करते हुए राहुल ने कहा कि देश की संपत्ति एक-दो हाथों में सौंपी जा रही है। खास बात यह है कि ये वो लोग हैं, जो सेवा क्षेत्र में ही उतर रहे हैं। लाखों करोड़ की जमीन लेकर ये सेवा क्षेत्र में ही आ रहे हैं। निर्माण क्षेत्र में नहीं। इसका मूल कारण यह है कि इसमें लागत नहीं लगती है। जमीन मिल जाती है, बुनियाद खड़ा रहता है बस लेबल बदलकर उसे आगे बढ़ा देना पड़ता है। अडानी यही कर रहे हैं। हम इसी का विरोध कर रहे हैं।
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देश को आज निर्माण सेक्टर की जरूरत है। निर्माण सेक्टर बढ़ेगा तो देश के युवाओं के हाथों में रोजगार आएगा। मेड इन इंडिया का लेबल जब तक चीन नहीं पहुंचेगा हमारे युवाओं को रोजगार मिलना मुश्किल है। यह देश की सबसे बड़ी समस्या बन गई है और हम इसी का विरोध भी कर रहे है, परंतु सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहती है। सरकार को इसलिए लोगों के हाथों तक पैसा पहुंचाना पड़ रहा है। अगर यूथ के हाथों में रोजगार होता तो इस प्रकार की समस्या नहीं आती।
राहुल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार का ध्यान किसानों पर है ही नहीं, जबकि देश में अब भी किसानों की संख्या सबसे अधिक है। उनके कर्ज माफी, सशक्तिकरण करने पर कोई बात नहीं होती है, जबकि दूसरी ओर देश के 25-50 अमीरों का 16 लाख करोड़ कर्ज माफ कर दिया जाता है। इस दोहरी मानसिकता के कारण ही देश में अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ रही है। देश के बहुतांश आबादी को संकट का सामना करना पड़ रहा है।
एक युवा के सवाल पर उन्होंने जेब से अपना मोबाइल निकाला और एक साइट खोला। साइट खोलकर अपने मोबाइल पर उन्होंने 2 कंपनियों के पिस्टल दिखाये और बताया कि कैसे विदेशी कंपनी के पिस्टल पर अडाणी अपना लोगो लगाकर सरकार को सप्लाई कर रही है और ऊंची कीमतें वसूल कर रही है। इसी प्रकार का खेल कई सेक्टरों में किया जा रहा है और कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
गांधी ने कहा कि सेवा के पेंशन का पैसा भी काटने का प्रयास सरकार ने किया है। पेंशन के पैसे से कंपनियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। पेंशन मद में कटौती की जा रही है और निजी कंपनियों को वह धन पहुंचाया जा रहा है। इसलिए सरकार को अग्निवीर जैसी योजनाएं लानी पड़ रही है ताकि बचे हुए धन को कंपनियों तक पहुंचाया जा सके।
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रामजी-श्यामजी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने मेहनत से सफलता पाई है। उन्होंने कई सवाल भी पूछे, जिस पर दुकान के संचालक ने खुशी-खुशी बताया कि कड़ी मेहनत की और लोगों का सहयोग मिला और तब जाकर उनका नाम हुआ है।
राहुल गांधी का असली प्लान मटका रोटी खाने का था। उन्होंने अपने लोगों से ओंकारनगर स्थित मटका रोटी दुकान चलने की इच्छा जताई थी। लेकिन चिमूर से उड़ान भरने में देरी हो गई, जिसके बाद रामजी-श्यामजी का प्लान तैयार किया गया। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी सिर्फ नागपुर में बनने वाले मटका रोटी को देश-विदेश तक लोकप्रिय बनाना चाहते थे ताकि महिलाओं की आर्थिक हालात में सुधार हो और यह पुरानी परंपरा को एक नया जीवनदान मिल सके।
राहुल से चर्चा करने वाले एक युवा अमरजीत ने कहा कि आज राहुल से बात कर उसकी सोच बदल गई। वे वास्तविकता पर बात करते हैं। एक ने कहा कि मैं भविष्य के प्रधानमंत्री के साथ पोहा खा रहा हूं, यह मेरा सौभाग्य है। राहुल जब उठे तो राहुल गांधी आगे बढ़ो, हम तुमारे साथ है के नारे युवा लगाने लगे।
पोहा खाने के दौरान भी राहुल के पास ‘लाल रंग’ का संविधान था। संविधान की ताकत के बारे में भी उन्होंने युवाओं को बताया और कहा कि वे अपने मन से नहीं, संविधान के अनुसार हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।
सभी के लिए शक्कर की चाय बनाई गई, लेकिन राहुल गांधी के लिए बिना शक्कर की चाय बनाई गई। उनके करीबी ने संचालक को बताया कि साहब बिना शक्कर के चाय पीते हैं, जिसके बाद अलग से चाय बनाई गई।