नीतीश कुमार, अनंत सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Bihar Election: एनडीए गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने उम्मीदवारों को पार्टी का चुनाव चिन्ह देना शुरू कर दिया है। जानकार इसे जेडीयू की ओर से विपक्ष को अपनी जीत को लेकर आत्मविश्वास दिखाने का तरीका मान रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर संभावित उम्मीदवारों को लगातार बुलाकर सिंबल सौंपे जा रहे हैं। हालांकि, अब तक जेडीयू ने आधिकारिक तौर पर किसी भी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है।
किस- किस नेता तो मिला सिंबल
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह कदम जेडीयू की सीटों को लेकर अंदरूनी स्तर पर अंतिम निर्णय लेने का संकेत है। अब तक जिन नेताओं को जेडीयू का चुनाव चिन्ह दिया गया है, उनमें प्रमुख नाम हैं। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री सुनील कुमार, जमालपुर से उम्मीदवार शैलेश कुमार, पूर्व मंत्री दामोदर रावत और मंत्री रत्नेश सादा।
सबसे खास बात यह है कि मोकामा विधानसभा सीट से अनंत सिंह को भी जेडीयू का सिंबल मिला है, हालांकि उन्होंने खुद जाकर इसे लेने की बजाय अपने प्रतिनिधि को भेजा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगले 24 घंटों के भीतर और उम्मीदवारों को भी चुनाव चिन्ह सौंपे जाने की संभावना है। जेडीयू ऐसा करके विपक्ष के सामने अपनी जीत दम भरने की कोशिश कर रही है। साथ ही पार्टी उम्मीदवारों के सिंबल देकर कार्यकर्ताओं को भी मजबूत मैसेज देना चाहती है।
रविवार को एनडीए ने सीट शेयरिंग का ऐलान किया था। इसके तहत बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) 29 सीटों और मांझी की हम (एस) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
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यह 2005 के बाद पहली बार है जब जेडीयू और बीजेपी बराबर संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले गठबंधन में जेडीयू हमेशा बीजेपी से अधिक सीटों चुनाव लड़ती नजर आई है, लेकिन इस बार जेडीयू और बीजेपी ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
सीटों की संख्या पर तो एनडीए के सहयोगी दलों के बीच आम सहमति बन गई है, लेकिन अभी तक विधानसभा क्षेत्रों को लेकर बातचीत फाइनल नहीं हो पाई है। कौन सी विधानसभा सीट किस दल के खाते में जाएगी, इसे लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच ऊहापोह जैसी स्थिति बनी हुई है।