दुष्यंत चौटाला (डिजाइन फोटो)
चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा का चुनावी महाभारत जारी है। सोमवार को दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सूबे में राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी। इस बार हरियाणा का चुनावी द्वंद बहुत ही रोचक माना जा रहा है। सियासी पंडितों की मानें तो यहां एक बार फिर से किसी एक दल को बहुमत मिलने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। जिसका असर राजनैतिक बयानबाजियों में दिखने लगा है।
सोमवार को हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला के एक बयान को लेकर सियासी गलियारों में कयासों का अंबार लगना शुरू हो गया है। बीजेपी को लेकर दिए गए इस बयान में दुष्यंत ने कुछ ऐसा कहा जिसके बाद चर्चा यह हो रही है कि वह डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
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दरअसल, हरियाणा में विधानसभा चुनाव के ऐलान से कुछ दिन पहले जेजेपी मुखिया दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देते दुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब चर्चाएं हुईं कि दुष्यंत ने किसान आंदोलन के समय भाजपा का साथ देने से हुए डैमेज को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया है।
उसके बाद कहा गया कि दुष्यंत विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। लेकिन फिर कांग्रेस से बात न बन पाने के कारण उन्होंने आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ तीसरा मोर्चा बनाकर विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोंक दी। माना यह जा रहा है कि इस चुनाव में भी जेजेपी+आसपा 10-15 सीट तक निकाल सकते हैं और किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं।
दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में बीजेपी से ब्रेकअप के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने किसी को धोखा नहीं दिया। दुष्यंत के इस बयान को राजनैतिक विश्लेषक डैमेज कंट्रोल वाला बयान करार देते हुए कह रहे हैं कि दुष्यंत बीजेपी को लेकर सॉफ्ट होने लगे हैं जिससे यदि राज्य में पिछली बार जैसे समीकरण बने तो वह सरकार में भागीदारी निभा सकें।
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