संजय राउत (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी को चौंका दिया है, वहीं देश के दूसरे हिस्सों में विपक्षी दल भी इससे हैरान हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत 8 फरवरी से लगातार नतीजों पर टिप्पणी कर रहे हैं। अब संजय राउत ने दिल्ली विधान चुनाव में एक अलग और दिलचस्प संयोग खोज निकाला है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों में 5, 8 और 48 का संयोग खोजकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे हरियाणा विधानसभा चुनाव से भी जोड़ते हुए भाजपा पर सवाल उठाए है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि ”हरियाणा में वोटिंग 5 तारीख को गिनती 8 तारीख को भाजपा को सीट आई 48, दिल्ली में भी वोटिंग 5 तारीख को गिनती 8 तारीख को भाजपा को सीट आई वही 48 गजब संयोग है!”
.हरियाणा में वोटिंग
5 तारीख को गिनती 8 तारीख को भाजपा को सीट आई 48दिल्ली में भी वोटिंग
5 तारीख को गिनती 8 तारीख को भाजपा को सीट आई वही 48
गजब संयोग है! pic.twitter.com/2u6hYbuqEj— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 10, 2025
संजय राउत ने यह संयोग दिखाते हुए किसी पर टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन उन्होंने इशारा जरूर किया। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद संजय राउत ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि ईवीएम की वजह से ही बीजेपी हर चुनाव जीत रही है और अब चुनाव प्रणाली में बदलाव की जरूरत है।
उन्होंने कहा था कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो बीजेपी कहीं भी नहीं जीत पाएगी। इसी तरह दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने ईवीएम पर नहीं, बल्कि चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे। चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर सीधा हमला बोला था।
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AAP के राष्ट्रीय संयाेजक अरविंद केजरीवाल ने सवाल पूछते हुए कहा था कि केंद्र सरकार से रिटायरमेंट के बाद राजीव कुमार को कौन सा पद चाहिए, जिसके लिए वो चुनाव आयोग को इस तरह से चला रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि फर्जी वोटर जोड़े गए हैं, जबकि उन वोटरों के नाम हटाए गए हैं, जो आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं।
बता दें कि दिल्ली में फरवरी को 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए। वहीं 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए गए। इसमें भारतीय जनता पार्टी को 48 सीटों पर जीत मिली। ताे आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर ही संताेष करना पड़ा। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की बनेगी।