दुष्यंत चौटाला, फोटो - सोशल मीडिया
चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चला आ रहा जल विवाद एक बार फिर गरमा गया है। इस मसले पर हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
दुष्यंत चौटाला ने आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार की निंदा करते हुए कहा, “यह पानी हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान का भी अधिकार है। अगर जरूरत पड़ी तो बल प्रयोग भी होना चाहिए, ताकि सभी राज्यों को उनका उचित हिस्सा मिल सके। भाखड़ा नांगल डैम ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आता है, इसलिए केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।”
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें विपक्षी दलों सहित सभी प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सीएम सैनी ने बताया कि हरियाणा में पीने के पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सीधा संदेश देते हुए कहा, “मान साहब, यह पानी सिर्फ पंजाब का नहीं, बल्कि पूरे देश का है।”
हरियाणा के सीएम ने बताया कि 23 अप्रैल को भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने हरियाणा को 8,500 क्यूसिक पानी देने का निर्णय लिया था, लेकिन पंजाब सरकार ने इस आदेश को नज़रअंदाज़ कर दिया। इसके बाद 30 अप्रैल को हुई BBMB की बैठक में फिर से यह फैसला दोहराया गया, लेकिन अमल नहीं हुआ।
सीएम सैनी ने यह भी दावा किया कि हरियाणा को 12.55 MAF (मिलियन एकड़ फीट) पानी मिलना चाहिए, जबकि अभी उसे केवल 10.67 MAF पानी मिल रहा है। यानी हरियाणा को अपने हिस्से से करीब 17% कम पानी मिल रहा है, जो चिंता का विषय है।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 मई को एक बयान में चिंता जताई थी कि राज्य के प्रमुख जलाशयों जैसे पोंग डैम, भाखड़ा डैम और रंजीत सागर डैम में जल स्तर पिछले साल की तुलना में 32 फीट, 12 फीट और 14 फीट कम है। उन्होंने कहा कि धान की बुवाई का मौसम नज़दीक है और पंजाब की अपनी ज़रूरतें भी गंभीर हैं। मान ने BBMB के आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब पर पहले से जल संकट है, ऐसे में 8,500 क्यूसिक पानी छोड़ना उचित नहीं।