नाना पटोल व उद्धव ठाकरे (सोर्स: एएनआई)
नागपुर: महाविकास आघाड़ी में दक्षिण नागपुर की सीट को लेकर बवंडर मचा हुआ है। इस सीट पर बीते चुनाव में कांग्रेस के गिरीश पांडव महज 4,000 के करीब वोटों से हारे थे। उन्होंने मोहन मते को इतनी कड़ी टक्कर दी थी कि बीजेपी का पसीना छूट गया था। इस चुनाव में उनकी दावेदारी पक्की समझी जा रही लेकिन महाविकास आघाड़ी में शामिल उद्धव ठाकरे की शिवसेना इस पर अपनी दावेदारी ठोक रही है।
दक्षिण नागपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को यह भनक लगी कि यह सीट ठाकरे गुट के लिए छोड़ी जा रही है। इसके बाद तो अचानक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी 4, 5, 6 के अध्यक्षों दिनेश तराले, विश्वेश्वर अहिरकर और प्रवीण गवरे ने बाकड़े सभागृह में इस सीट के सभी कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की आकस्मिक बैठक की सूचना जारी कर दी। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, अगर यह सीट कांग्रेस से छीनी जाती तो सारे के सारे पदाधिकारी सभी सेल की कार्यकारिणी तत्काल इस्तीफा दे देते।
जानकारी के अनुसार, जब दक्षिण नागपुर सीट के पदाधिकारियों के आकस्मिक बैठक की सूचना मुंबई में बैठे पार्टी के आलानेताओं के पास पहुंची तो सूचना दी गई कि सीटों पर निर्णय लेने के लिए महाविकास आघाड़ी नेताओं की बैठक चल रही है। यहां के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया गया कि निर्णय कांग्रेस के पक्ष में हो सकता है। मुंबई के निर्देश पर यहां की बैठक को स्थगित कर दिया गया लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अगर दक्षिण नागपुर शिवसेना को दी गई तो कांग्रेस के पदाधिकारी सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं।
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कहा जा रहा है कि महाविकास आघाड़ी में मात्र 10-12 सीटों पर ही निर्णय होना बाकी है जिसमें जिले की रामटेक और दक्षिण नागपुर की सीट भी शामिल हैं। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस व यूबीटी अड़ी हुई है। वहीं, एक स्थानीय पदाधिकारी ने बताया कि बैठक इस बात पर निर्णय लेने के लिए बुलाई गई थी कि अगर ठाकरे गुट को यह सीट जाती है तो हमें क्या भूमिका लेनी चाहिए।
शुक्रवार को मुंबई में महाविकास आघाड़ी की बैठक में बची हुई सीटों के बंटवारे को लेकर मैराथन चर्चा हुई, जिसमें कांग्रेस रामटेक व दक्षिण नागपुर की सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई। वहीं, शिवसेना भी अड़ी रही। इसे लेकर दोनों पक्षों के नेताओं में झड़प होने की खबर है। बताते चलें कि ठाकरे गुट से जिला प्रमुख प्रमोद मानमोड़े को पहले ही काम पर लगने का संदेश दिया गया था। जिला प्रमुख किशोर कुमेरिया भी इच्छुक हैं।
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कांग्रेस ने अगर पांडव को रिपीट किया तो वे बीजेपी के लिए फिर चुनौती पेश करेंगे यह निश्चित है। अगर उम्मीदवारी नहीं दी गई तो लोकसभा चुनाव की तरह सांगली पैटर्न की संभावना बन रही है। लोस चुनाव में सांगली सीट के लिए यूबीटी ने अपने मन से ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था जिसके जवाब में कांग्रेस ने निर्दलीय रूप में अपना उम्मीदवार उतारा और वह सीट जीती। विधानसभा चुनाव में दक्षिण नागपुर सीट पर यह पैटर्न नजर आ सकता है क्योंकि कांग्रेस किसी कीमत पर यह सीट बीजेपी से छीनने की रणनीति पर काम कर रही है।