
निर्दलीय उम्मीदवार बालासाहेब शिंदे का निधन (सोर्स: सोशल मीडिया)
बीड: बीड विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार बालासाहेब शिंदे की मतदान केंद्र पर ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वे छत्रपति शाहू विद्यालय में बने मतदान केंद्र पर ठहरे हुए थे। इसी बीच उन्हें चक्कर आ गया और वह गिर गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि जब बालासाहेब शिंदे मतदान केंद्र पर थे, तब उन्हें अचानक सीने में दर्द और बेचैनी महसूस हुई। समर्थकों ने उन्हें पानी दिया और भीड़ से दूर खुली जगह पर ले जाने की कोशिश की। लेकिन चलते-चलते उन्हें चक्कर आ गया और वो गिर पड़े। इसके बाद उन्हें तुरंत काकू नाना अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें छत्रपति संभाजीनगर अस्पताल भेज दिया गया। वहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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बालासाहेब शिंदे बीड विधानसभा में प्रभावशाली नेता माने जाते थे। उनके निधन से उनके समर्थक, परिवार के सदस्य और बीड जिले के नागरिक शोक में डूब गए हैं। मतदान के दौरान उनकी मौत से पूरे जिले में शोक व्यक्त किया जा रहा है। शुरुआती जांच के मुताबिक पुलिस ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद आधिकारिक जानकारी सामने आएगी।
इस घटना से मतदान केंद्र पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। चुनाव आयोग ने इस घटना पर संज्ञान लिया है और कहा है कि बीड विधानसभा चुनाव को लेकर अगला फैसला जल्द ही लिया जाएगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 52 के अनुसार, यदि चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार की मृत्यु हो जाती है, तो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान स्थगित किया जा सकता है।
बालासाहेब शिंदे के निधन से बीड शहर और जिले में दुख का माहौल है। शिंदे के निधन से चुनाव प्रक्रिया बाधित हो गई है और सभी की निगाहें चुनाव की आगे की प्रक्रिया पर टिकी हैं।
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सतारा के खंडाला तहसील के मोरवे में नानासाहेब धायगुडे (उम्र 67 वर्ष) अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पर आए, जबकि खंडाला के प्राथमिक विद्यालय में प्रशासन द्वारा चुनाव कक्ष में मतदान चल रहा था। पहचान पत्र सत्यापन के बाद वह ईवीएम कक्ष में गए और वोटिंग बटन दबाया। हालांकि, उसी समय उन्हें गंभीर दिल का दौरा पड़ा और वे मौके पर ही गिर पड़े।
मतदान केंद्र पर मौजूद कर्मचारी उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए। जहां इलाज शुरू होने से पहले ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उनके आकस्मिक निधन से मतदान केंद्र पर हड़कंप मच गया। धायगुड़े मुंबई में चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। लेकिन कुछ साल पहले वह अपने पैतृक गांव मोरवे चले गए।






