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नवभारत डेस्क : महाराष्ट्र में फिलहाल विधानसभा चुनाव का शोर जोरों पर चल रहा है। इस दौरान राजनीतिक दलों के लोग तरह-तरह के वादे और अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। हर दिन आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है। ऐसे नवभारत लाइव डॉट कॉम की ओर से हम महाराष्ट्र के पाठकों को उनके राजनीति अतीत की ओर ले जाकर कुछ फ्लैशबैक की चीजें दिखाना चाहते हैं। क्या आप जानते हैं कि 1960 के पहले महाराष्ट्र को बाम्बे प्रांत के रूप में जाना जाता था। 1960 में बाम्बे रि-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट के जरिए महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ उसके पहले यहां का शासन ‘प्रधानमंत्री’ और ‘प्रीमियर’ (जिन्हें मुख्यमंत्री कहा जाता था) चला चुके थे।
इस कड़ी में हम उन्हीं लोगों के बारे में आपको बताने की कोशिश करेंगे, जो आजादी के पहले व महाराष्ट्र राज्य का गठन के पहले तक महाराष्ट्र के ‘प्रधानमंत्री’ और ‘प्रीमियर’ की कुर्सी पर काबिज रहे।
1. धनजीशाह कूपर-
वैसे अगर देखा जाए तो रिकॉर्ड के हिसाब से देखा जाए तो पहले भारतीय प्राविंसियल इलेक्शन के बाद निर्दलीय राजनेता धनजीशाह कूपर बम्बई के पहले प्रधानमंत्री थे। यह अपने पद पर 1 अप्रैल 1937 से 19 जुलाई 1937 तक रहे । इनकी तैनाती गर्वनर जनरल लॉर्ड ब्रेबोर्न के द्वारा की गयी थी। ये अपने पद पर केवल 140 दिन ही रह सके।
2. बालासाहेब गंगाधर खेर-
धनजीशाह कूपर के बाद बालासाहेब गंगाधर खेर को बम्बई के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में 19 जुलाई 1937 से 2 नवंबर 1939 तक काम करने का मौका मिला। कांग्रेस से जुड़े बालासाहेब गंगाधर खेर की तैनाती तत्कालीन गवर्नर जनरल रॉबर्ट डंकन बेल के द्वारा की गयी थी। इनको 2 साल 106 दिनों तक काम करने का मौका मिला। इसके बाद यहां गवर्नर रूल लगा दिया गया।
राज्य के प्रधानमंत्री
3. गवर्नर रूल
उस जमाने में भी गवर्नर अपने पॉवर से प्रधानमंत्री को हटा दिया करता था। इसीलिए बालासाहेब गंगाधर खेर को हटाने के बाद यह कुर्सी 6 साल 148 दिनों तक खाली रही है। इस दौरान 2 नवंबर 1939 से 30 मार्च 1946 यहां गवर्नर का शासन रहा। इसके बाद 1946 में हुए दूसरे भारतीय प्राविंसियल इलेक्शन के बाद फिर से बालासाहेब गंगाधर खेर की उसी पद पर बहाली हुयी।
4. बालासाहेब गंगाधर खेर-
दूसरे भारतीय प्राविंसियल इलेक्शन के बाद फिर से बालासाहेब गंगाधर खेर को 30 मार्च 1946 को बम्बई के प्रधानमंत्री के रूप में सर जॉन कोलविले के द्वारा नियुक्त किया गया। वह इस पद पर 15 अगस्त 1947 बने रहे।
राज्य के प्रधानमंत्री
15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद देश में जब प्रधानमंत्री का पद तय हुआ तो राज्यों में प्रधानमंत्री का पद समाप्त हो गया और राज्यों में मुख्यमंत्री (प्रीमियर) की कुर्सी पर तैनाती शुरू हुयी। बॉम्बे प्रेसीडेंसी का नाम बदल कर बॉम्बे स्टेट हो गया। तत्कालीन बालासाहेब गंगाधर खेर को उसी पद पर बहाल रखते हुए सत्ता जारी रही। वह इस पद पर 21 अप्रैल 1952 तक बने रहे।
राज्य के प्रीमियर (मुख्यमंत्री)
5. मोरारजी देसाई
बालासाहेब गंगाधर खेर के बाद इस पद पर कांग्रेस पार्टी के मोरारजी देसाई की तैनाती तत्कालीन गवर्नर राजा सर महाराज सिंह ने की। राजा सर महाराज सिंह बॉम्बे स्टेट के पहले भारतीय गवर्नर बने थे। मोरारजी देसाई मुख्यमंत्री के पद पर 4 साल 193 दिनों तक बने रहे। वह 31 अक्टूबर 1956 तक बॉम्बे स्टेट के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला।
राज्य के प्रीमियर (मुख्यमंत्री)
6. यशवंतराव चव्हाण
मोरारजी देसाई के बाद कांग्रेस ने यशवंतराव चव्हाण को तत्कालीन गर्वनर हरेकृष्णा महताब ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी। वह 30 अप्रैल 1960 तक अपने पद पर रहे। इसी दौरान राज्यों के पुनर्गठन के दौरान बाम्बे रि-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1960 के जरिए गुजरात व महाराष्ट्र नाम के दो नए राज्यों को निर्माण हुआ तो यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री बने। इस तरह से देखा जाए तो यशवंतराव चव्हाण बॉम्बे स्टेट और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते राजनेता थे।
1 मई 1960 को नया महाराष्ट्र राज्य बनने के बाद से राज्य को अब तक कुल 20 मुख्यमंत्री मिले हैं। जिसमें सबके राजनीतिक रिकॉर्ड जानने योग्य हैं। यह जानकारी अगली कड़ी में पढ़ने को लिए क्लिक करें… https://navbharatlive.com/