लाल किताब लहराते राहुल गांधी और उसी किताब के कोरे पन्ने
नागपुर: जहां इस समय महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। वहीं इन सब के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागपुर रैली को लेकर सियासी संग्राम छिड़ चुका है। जानकारी दें कि, बीजेपी ने कांग्रेस नेता की इस रैली पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी संविधान को नोटपैड की तरह ही इस्तेमाल कर रही है।
जानकारी दें कि, कांग्रेस ने बीते बुधवार को नागपुर के सुरेश भट सभागार में संविधान सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल भी हुए थे। कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद लोगों को संविधान की ‘लाल किताब’ बांटी गई। नोटपैड जैसी दिखने वाली इस लाल रंग की किताब के सामने वाले हिस्से में ‘Constitution of India’ लिखा हुआ था।
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संविधान सिर्फ बहाना है
लाल पुस्तक को बढ़ाना है
मोहब्बत के नाम पर
सिर्फ नफरत फैलाना है…काँग्रेसला भारताचे संविधान असेच कोरे करायचे आहे.
डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकरांनी लिहिलेले सर्व कायदे अनुच्छेद वगळून टाकायचे आहेत. म्हणूनच तर राहुल गांधींनी मध्यंतरी आरक्षण रद्द करणार ही… pic.twitter.com/C94Wa3CZee— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) November 6, 2024
वहीं इस ‘लाल किताब’ के अंदर के पहले पेज पर प्रिंबल था और बाकी के पेज कोरे ही थे। महाराष्ट्र विधानसभा से ठीक पहले इस घटना के बाद अब BJP को कांग्रेस को घेरने का बढ़ीया मौका मिल गया है। इतना ही नही BJP ने इस कोरी किताब का वीडियो भी वायरल किया है।
इसके साथ ही BJP ने ट्वीट कर यह भी दावा किया है कि, ये वीडियो नागपुर के संविधान बचाओ सम्मेलन का है और राहुल गांधी संविधान की जिस लाल किताब को लेकर आए थे वो बिल्कुल कोरी थी यानी किताब के अंदर कुछ भी नहीं लिखा था।
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वहीं बीजेपी ने इस कोरे संविधान की लाल किताब को बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान का सरासर अपमान बताया है। BJP ने कहा कि, एक तरफ तो राहुल गांधी संविधान बचाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। दूसरी तरफ इसी संविधान की कोरी किताब लेकर यहां वहां घूमते रहते हैं और आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं।
देखा जाए तो राहुल ने लोकसभा चुनाव में ‘संविधान खतरे में है’ के नैरेटिव के साथ उतरे थे, जिसका हालांकि इंडी अलायंस को फायदा भी मिला। वहीं ठीक ऐसे ही महाराष्ट्र में विधान सभा चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी ने संविधान के इस मुद्दे पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का सीधे-सीधे नाम लेकर हमला बोला था। लेकिन अब इस ‘Constitution of India’ वाली कोरी ‘लाल किताब’ से शायद उनके नैरेटिव को धक्का पहुंचे।