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गडचिरोली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तथा मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने कुछ दिन पहले आत्मविश्वास दिखाते हुए कहा था कि लोकसभा के चुनाव में बारामती में जो पवार परिवार में हुआ, वह अहेरी के राजवाडे में नहीं होगा। कहा जा रहा है कि पुत्री भाग्यश्री आत्राम व दामाद के संदर्भ में किए वक्तव्य के बाद पुत्री भाग्यश्री अपने पिता आत्राम के आत्मविश्वास को चुनौती दे सकतीं हैं। अहेरी राजघराने में सत्तासंघर्ष की यह लड़ाई अब सामने आने वाली है।
अहेरी के राजघराने में पहली बार पुत्री और पिता के बीच राजनीतिक संघर्ष निर्माण हुआ है। अन्न व औषध प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री आत्राम (हलगेकर) जल्द ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) में प्रवेश करने की संभावना जताई जा रही है। आलापल्ली में 6 सितंबर को उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उपस्थिति में संपन्न हुए जनसम्मान यात्रा में राज्य के अन्न व औषध प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने पुत्री तथा दामाद के संदर्भ में किए गए वक्तव्य के चलते गडचिरोली जिले का राजनीतिक वातावरण गर्माया हुआ है।
भाग्यश्री व दामाद के राजनीतिक समीकरण के कारण राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों गुट के कार्यकर्ता भ्रम में दिखाई दे रहे हैं। राज्य में आगामी कुछ माह में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक हलचले तेज हुई है। युति तथा महाविकास आघाड़ी द्वारा उम्मीदवारों की तलाश जारी है, ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता तथा राज्य के मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम को उनके ही बड़ी पुत्री ने आह्वान पेश करने से गड़चिरोली जिले का राजनीतिक वातावरण काफी गर्माया है।
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मंत्री आत्राम लोकसभा के लिए इच्छुक थे। लेकिन समय पर टिकट नहीं मिला। इसलिए उन्होंने विधानसभा पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन उनकी बडी पुत्री भाग्यश्री आत्राम और दामाद ऋतुराज हलगेकर भी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक थे। मंत्री आत्राम ने भी यह अंतिम चुनाव होने की बात घोषित की थी। लेकिन उन्होंने विधानसभा के लिए फिर से तैयारी शुरू करने से राजघराने में सत्तासंघर्ष को शुरूआत हुई है।
राजनीति में अब तक धर्मरावबाबा के नेतृत्व में पली- बढ़ी पुत्री तथा दामाद ने अब उनके समक्ष आह्वान पेश करने से राजनगरी में आत्राम परिवार में शुरू हुआ विवाद चर्चा का विषय बना है। जनसम्मान यात्रा के भाषण के दौरान मंत्री आत्राम ने मन में चल रही हलचल जनता के समक्ष बोलकर दिखाने से राजघराने के अंतर्गत विवाद पर चर्चा शुरू हुई है। जिला परिषद अध्यक्ष, निर्माण सभापति समेत विभिन्न राजनीतिक पद पर आसीन हुई भाग्यश्री आत्राम यह विगत कुछ दिनों से शरद पवार गुट के संपर्क में थे। अनिल देशमुख ने भी इस संदर्भ में समय समय पर भाष्य किया था।
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इस संदर्भ में मंत्री आत्राम को माध्यमों ने सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि, राजघराने के हमारे बच्चे हमारे शब्द के बाहर नहीं जाते है। यह परंपरा हम जनत करते आए है। बारामती में जो हुआ, इससे विपरीत हमारा परिवार है। मुझे आत्मविश्वास है कि मेरे शब्द के बाहर कोई नहीं जाएगा। ऐसा वक्तव्य मंत्री आत्राम ने कुछ दिन पूर्व गड़चिरोली में उनके बंगले पर किया था। लेकिन कुछ दिनों में ही उनके आत्मविश्वास को ‘भाग्यश्री’ ने सुरंग लगाने से राजघराने का राजनीतिक संघर्ष सामने आया है।
अहेरी विधानसभा में कुछ अपवाद छोड़े तो राजघराने का वर्चस्व कायम रहा है। लेकिन इस समय पहली बार राजघराने के तीनों विधानसभा के अखाड़े में एक दूसरे के खिलाफ खड़े रहने वाले है। जिससे इस समय अहेरी विधानसभा के राजनीतिक हलचलों पर जिलावासियों का ध्यान लगा हुआ है।
विधानसभा के लिए राजनीतिक दलों द्वारा संगठन मजबूत करना शुरू किया है, ऐसे में अहेरी में शरद पवार के राष्ट्रवादी की ‘तुतारी’ हाथ में लेने के लिए 3 दिग्गजों के नाम फिलहाल चर्चा में है। मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम की कन्या भाग्यश्री आत्राम के साथ पूर्व राज्यमंत्री राजे अम्बरीशराव आत्राम तथा पूर्व विधायक दीपक आत्राम का समावेश है।
शरद पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अतुल गण्यारपवार ने भाजपा युवा मोर्चा के संदीप कोरेत यह अहेरी विधानसभा के उम्मीदवार होने की बात कहीं। जिससे अहेरी विधानसभा क्षेत्र में फिलहाल 4 लोग तुतारी हाथ में लेने की तैयारी में होने की राजनीतिक गलियारे में चर्चा है। गण्यारपवार समर्थकों का भाग्यश्री आत्राम के प्रवेश को विरोध होने से उनके प्रवेश संदर्भ में अबतक सस्पेन्स कायम है।