औरंगाबाद मध्य विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
औरंगाबाद / छत्रपति संभाजी नगर : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। चुनाव ओयोग ने इस राज्य में एक ही फेज में चुनाव कराने का आदेश दिया है। बता दें महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होनी है। ऐसे में हम हर एक विधानसभा सीट का बारी–बारी से विश्लेषण कर रहे हैं। इस बीच आज हम औरंगाबाद मध्य विधानसभा सीट के बारे में विस्तार से जानेंगे, तो इसके लिए पढ़ते जाएं इस आर्टिकल को अंत तक।
औरंगाबाद मध्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र विधानसभा के छह निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है जो महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों, वैजापुर, गंगापुर, औरंगाबाद पूर्व, कन्नड़ और औरंगाबाद पश्चिम (एससी) के साथ औरंगाबाद (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) का एक हिस्सा है। आपको बता दें, 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। 2009 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ। उस समय इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार प्रदीप शिवनारायण जायसवाल ने जीत हासिल की थी।
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | प्रदीप शिवनारायण जायसवाल | SHS | 82,217 |
2014 | सैयद इम्तियाज जलील | AIMIM | 61,843 |
2009 | प्रदीप शिवनारायण जायसवाल | IND | 49,965 |
औरंगाबाद मध्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह एक जेनरल कैटेगरी की विधानसभा सीट है। यह औरंगाबाद जिले में स्थित है और औरंगाबाद संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। औरंगाबाद मध्य विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 61,885 हैं। वहीं अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 4,246 हैं। अगर हम इस विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की बात करें, तो लगभग 123,834 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार करीब 38.5 प्रतिशत है। 2019 के विधानसभा चुनाव में औरंगाबाद मध्य विधानसभा के मतदाताओं का कुल मतदान करीब 60.49 प्रतिशत रहा।
औरंगाबाद मध्य विधानसभा सीट के विश्लेषण में एक बात तो साफ नजर आ रही है कि यहां की तीन बार के हुए चुनाव में यहां की जनता ने प्रदीप शिवनारायण जायसवाल पर अपना भरोसा जताने का काम किया है। बता दें, प्रदीप शिवनारायण जायसवाल पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ें थे फिर बाद में 2019 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने शिवसेना की तरफ से चुनाव लड़ा था और यहां की जनता ने इन्हें जीत भी दिलाई थी।
वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के उम्मीदवार सैयद इम्तियाज जलील को जीत मिली थी। ऐसे में इस बार के विधानसभा चुनाव में ज्यादा चांस शिनसेना की दिखाई दे रही है। हालांकि यह तो सिर्फ एक अनुमान है बाकी तो चुनाव आयोग के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।
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