कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी महाभारत के लिए चुनाव आयोग ने भीष्म पितामह की मानिंद शंखनाद कर दिया है। 288 मोर्चों पर होने वाली इस चुनावी जंग का ऐलान होते ही राज्य में राजनीतिक पारा हाई हो चुका है। वहीं, शुक्रवार को दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस गर्मी को दोगुना कर दिया है। अखिलेश की एंट्री से महाविकास अघाड़ी टेंशन में है तो वहीं, इंडिया गठबंधन में क्लेश की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
लोकसभा चुनाव में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी सपा के हौसले बुंलद नज़र आ रहे हैं। वह, उत्तर प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में पैर पसारने और पैठ बनाने के लिए बेताब दिखाई दे रही है। यही वजह है कि वह महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम से लड़ने के लिए तैयार है।
महाराष्ट्र में 2014 में सपा के एक उम्मीदवार ने चुनावों में जीत दर्ज की थी। वहीं, 2019 विधानसभा चुनाव में उसके दो उम्मीदवारों ने विजयश्री हासिल की। एक वजह यह भी है कि सपा यहां इस बार और ज्यादा की उम्मीद के साथ चुनाव लड़ने के मूड में दिखाई दे रही है। इसके लिए सपा मुखिया ने राज्य का दौरा भी किया है। वैसे तो लोकसभा चुनाव के समय से समाजवादी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा है। लेकिन महाराष्ट्र में सपा की एंट्री ने महाविकास अघाड़ी की टेंशन बढ़ा दी है।
दरअसल, महाविकास अघाड़ी में अभी सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है। एमवीए में शामिल तीनों दलों के बीच सीटों की संख्या को लेकर अभी सहमति भी नहीं बनी है और दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने 12 सीटों की डिमांड कर दी है। अखिलेश यादव ने शनिवार को धुलिया में कहा कि उन्होंने 12 सीटों की मांग की है। हमारे दो विधायक ऑलरेडी हैं।
“समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें मांगी है, दो विधायक हमारे हैं और हम वो लोग हैं जो कभी-कभी कम सीटों पर भी संतुष्ट हो जाते हैं।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/kZiVg04JfN
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 19, 2024
अखिलेश यादव की इस मांग ने एमवीए को चिंतित कर दिया है। क्योंकि सपा मुस्लिम बहुल सीटों पर दावा ठोंक रही है। पांच सीटों पर तो उन्होंने उम्मीदवार उतार भी दिए हैं। इनमें मानखुर्द शिवाजी नगर से अबू आसिम आजमी, भिवंडी वेस्ट से रियाज आजमी, भिवंडी ईस्ट से रईस शेख, धुलिया से इरशाद भाई जागीरदार और मालेगांव से शाने हिंद शामिल हैं।
सपा ने जिन 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं वह मुस्लिम बहुल सीटें मानी जाती हैं। इतना ही नहीं यहां से अखिलेश ने टिकट में भी मुस्लिम कैंडीडेट्स को दिया है। मुस्लिम वोटर्स पर कांग्रेस और एनसीपी की भी नजर रहती हैं। लेकिन जिस तरह से अखिलेश फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं ऐसे में महाराष्ट्र का मुस्लिम वोटर्स अखिलेश को अपना नया नुमाइंदा समझ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस और एनसीपी को नुकसान होना तय है।
हालांकि अखिलेश यादव अभी एमवीए के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। अखिलेश यादव गठबंधन धर्म निभाने के लिए जाने भी जाते हैं। ऐसे में चर्चा है कि अखिलेश बड़ा दिल दिखाते हुए डिमांड को कम कर देंगे। लेकिन अगर सहमति नहीं बन पाती है तो एक तरफ इंडिया गठबंधन में फूट का ख़तरा रहेगा और दूसरी तरफ एमवीए को नुकसान होने के चांसेस भी बढ़ जाएंगे।
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