नवभारत डिजिटल डेस्क : दिल्ली की मौजूदा सीएम रेखा गुप्ता ने मंगलवार यानी 25 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में पिछले साल की तुलना में 31.5% की बढ़ोतरी की गई है। रेखा गुप्ता ने इसे ऐतिहासिक बजट करार देते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार और अक्षमता के युग को समाप्त करने वाला बजट है।
इस बजट में दिल्ली सरकार ने 100 अटल कैंटीन स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। ये कैंटीन गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ते और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए बनाई जाएंगी। ऐसे में आज के इस फीचर राइटिंग में जानेंगे कि आखिर ये अटल कैंटीन क्या हैं और किन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा। इसके लिए पढ़ते जाएं इस फीचर राइटिंग को अंत तक।
अटल कैंटीन भारत के कई राज्यों में शुरू की गई सब्सिडी वाली भोजनालय हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को किफायती दरों पर भोजन प्रदान करती हैं। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में रखा गया है।
बता दें, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2025 के चुनावी घोषणापत्र में हर झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र में अटल कैंटीन शुरू करने का वादा किया था। इन कैंटीन में मात्र 5 रुपये में गरमा-गरम पका हुआ भोजन उपलब्ध होगा। यह योजना तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन और कर्नाटक की इंदिरा कैंटीन से प्रेरित है। हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी इस तरह की कैंटीन किसानों और मजदूरों के लिए शुरू की गई हैं, जहां 10 रुपये में चपाती, चावल, दाल और सब्जी दी जाती है।
रेखा गुप्ता ने विधानसभा में कहा कि यह बजट दिल्ली को विकसित दिल्ली की ओर ले जाएगा। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को दोगुना कर 28,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सड़क, सीवर सिस्टम, और जल आपूर्ति जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, महिला समृद्धि योजना के लिए 5,100 करोड़ रुपये और एनसीआर क्षेत्र से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
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सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “यह साधारण बजट नहीं है। यह खराब अर्थव्यवस्था से उबरकर विकास की ओर बढ़ने का बजट है।” अटल कैंटीन जैसी योजनाएं न केवल भूख मिटाने में मदद करेंगी, बल्कि गरीबों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएंगी। यह बजट दिल्ली के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।