आप सांसद स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार (डिजाइन फोटो, सौ. से सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : तीस हजारी स्थित सत्र न्यायालय ने सोमवार को आप सांसद स्वाति मालीवाल हमला मामले में दिल्ली पुलिस की याचिका पर आरोपी बिभव कुमार से जवाब मांगा। दिल्ली पुलिस ने गैर-जरूरी दस्तावेजों की सूची दाखिल करने और आपूर्ति करने के मजिस्ट्रेट न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। इस बीच, न्यायालय ने बिभव कुमार के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही मजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अभिषेक गोयल ने ट्रायल (मजिस्ट्रेट) न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए और कार्यवाही पर रोक लगाने की प्रार्थना की। अदालत ने कहा कि इस स्तर पर रोक नहीं दी गई है क्योंकि याचिका की स्थिरता पर विचार किया जा रहा है।
दूसरी ओर, बिभव कुमार की ओर से अधिवक्ता रजत भारद्वाज और करण शर्मा पेश हुए तथा जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा कि याचिका बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की। मजिस्ट्रेट अदालत ने 22 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह जब्त किए गए बयानों और दस्तावेजों व सामग्री की सूची दाखिल करें। साथ ही अगली तारीख से पहले आरोपियों को इसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं।
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बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। दिल्ली पुलिस ने 16 जुलाई को उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। यह मामला दस्तावेजों की जांच के चरण में है। अदालत ने 30 जुलाई को बिभव कुमार के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। अदालत को बताया गया कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 308, 354, 354 बी, 506, 509, 341 लगाई है और आईपीसी की धारा 201 को चार्जशीट में जोड़ा गया है।
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सबूत के तौर पर पुलिस ने बिभव कुमार का मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीएम आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर/एनवीआर जब्त किया है। 500 पन्नों की चार्जशीट में 100 गवाहों की गवाही शामिल है, जिनमें से 50 का नाम मामले में है। कथित मारपीट की घटना 13 मई की सुबह मुख्यमंत्री के आवास पर हुई थी।