आप सांसद स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार (डिजाइन फोटो, सौ. से सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: जहां बीते 11 नवंबर सोमवार को आप सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला मामले में तीस हजारी की एक सत्र अदालत ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर आरोपी विभव कुमार से जवाब मांगा है। दिल्ली पुलिस ने अविश्वसनीय दस्तावेजों की सूची दाखिल करने और आपूर्ति करने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी है। वहीं इस मामले पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने शहर की एक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है। इस मामले पर आज यानी 16 नवंबर को सुनवाई होगी।
जानकारी दें कि, इससे पहले बीते 11 नवंबर को स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट को लेकर कुमार के खिलाफ पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया गया था । कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है और वह अभी जमानत पर हैं।
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इस बाबत तीस हजारी की मजिस्ट्रेट अदालत ने बिभव के खिलाफ आरोपपत्र पर बीते 30 जुलाई को संज्ञान लिया था। कुमार के वकील मनीष बैदवान ने 29 अक्टूबर को तीस हजारी की एक सत्र अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दायर करके नयी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के बजाय निरस्त दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मामले को संज्ञान में लेने पर आपत्ति जतायी थी।
इस याचिका में कहा गया था कि, ‘‘संज्ञान में इस बात पर विचार करने की आवश्यकता होती है कि क्या नये बीएनएसएस के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार है, जिसका मौजूदा मामले में अभाव है।”
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वहीं इस याचिका में अंतिम रिपोर्ट के ‘‘त्रुटिपूर्ण” होने सहित विभिन्न आधार पर विसंगतियों का दावा किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि जांच के दौरान महत्वपूर्ण सबूत जैसे कि सीसीटीवी फुटेज हासिल किया गया और जब्त किया गया तथा एफएसएल की एक रिपोर्ट अभी लंबित है।” याचिका में कहा गया कि महत्वपूर्ण सबूत पर विचार नहीं किया गया है जबकि अदालत ने एक अधूरे आरोपपत्र के आधार पर ही संज्ञान लेने का आदेश पारित कर दिया गया था।
जानकारी दें कि, बिभव कुमार को बीते 18 मई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इस पर दिल्ली पुलिस ने फिर 16 जुलाई को उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। यह मामला अब दस्तावेजों की जांच के स्तर पर है। (एजेंसी इनपुट के साथ)