सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने आज कहा कि सभी न्यायाधीशों से जहां भी संभव हो, वहां डिजिटल माध्यम से सुनवाई की अनुमति देने को कहा गया है। इस बाबत CJI संजीव खन्ना और जस्टीस संजय कुमार की पीठ जैसे ही बैठी, वैसे ही ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (SCBA) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित वकीलों ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की बदतर होती स्थिति का जिक्र किया और इससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की।
इस बाबत CJI संजीव खन्ना ने कहा कि, ‘‘हमने सभी न्यायाधीशों से कहा है कि जहां भी संभव हो, वहां डिजिटल सुनवाई की अनुमति दी जाए।” सिब्बल ने कहा, ‘‘प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो रहा है।”
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CJI संजीव खन्ना की इस बात का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और गोपाल शंकरनारायणन समेत कई वकीलों ने सिब्बल का समर्थन किया। सिब्बल ने कहा, ‘‘इसे कम करने की जरूरत है। यह संदेश अन्य अदालतों तक जाना चाहिए।” सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से शीर्ष अदालत को डिजिटल माध्यम से सुनवाई करनी चाहिए।
मामले पर CJI संजीव खन्ना ने कहा, ‘‘हमने सभी को समायोजित करने का संदेश दिया है। इसके अलावा, ऑनलाइन की सुविधा वैसे भी उपलब्ध है।” दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को इस तथ्य पर संज्ञान लिया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है और उसने सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का निर्देश दिया।
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इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेंगे। जानकारी दें कि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बीते सोमवार सुबह आठ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 484 रहा, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है। कुछ इलाकों में AQI 500 के पार भी पहुंच गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)