कपिल मिश्रा और मोहन सिंह बिष्ट
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर रविवार को भाजपा में नाराजगी सामने आई। दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया और करावल नगर के निवर्तमान विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने उम्मीदवारों की सूची में नाम न होने पर नाराजगी जताई। दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद से आए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर धरना दिया और निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलने की मांग की।प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा शामिल थे और उन्होंने नारे लगाए, ‘‘विक्रम बिधूड़ी तुम संघर्ष करो; मोदी से बैर नहीं, रोहतास तेरी खैर नहीं। हालांकि, भाजपा नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की।
शनिवार को घोषित भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में, रोहतास बिधूड़ी को तुगलकाबाद सीट से मैदान में उतारा गया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में विक्रम बिधूड़ी आम आदमी पार्टी के सहीराम से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। विक्रम पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश बिधूड़ी के रिश्तेदार हैं। इस महीने की शुरुआत में उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा के बाद भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने महरौली से उम्मीदवार गजेंद्र यादव के खिलाफ दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था।
करावल नगर सीट से पांच बार निर्वाचित विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने अपने गढ़ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट न दिए जाने पर खुले तौर पर नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद बिष्ट शांत हो गए हैं। इससे पहले दिन में बिष्ट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कपिल मिश्रा को उनकी जगह टिकट देने का पार्टी का फैसला गलत है और इसके परिणाम पांच फरवरी को मतदान के बाद दिखाई देंगे। बिष्ट ने दावा किया कि आपने मोहन सिंह बिष्ट को नहीं, बल्कि ‘समाज’ (उत्तराखंडी समुदाय) को चुनौती दी है। इस फैसले के कारण भाजपा कम से कम 8-10 सीटें खो देगी, जिसमें करावल नगर, बुराड़ी, मुस्तफाबाद और गोकलपुरी शामिल हैं।
वहीं, वह भाजपा में बने रहेंगे या नहीं? इस पर भाजपा विधायक ने कहा कि वह 15 जनवरी को अपने पत्ते खोलेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि वह निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बाद करावल नगर से नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। भाजपा ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली की करावल नगर सीट से कपिल मिश्रा को मैदान में उतारा, जो अपनी उग्र हिंदुत्व वाली छवि के लिए जाने जाते हैं। यह क्षेत्र 2020 के विधानसभा चुनावों के ठीक बाद बड़े पैमाने पर हुए सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित रहा था।
बिष्ट ने कहा कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं उनका भाजपा में कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि चापलूसी करने वालों को पुरस्कृत किया जाता है। पार्टी ने फैसला ले लिया है और इसका नतीजा पांच फरवरी को सामने आएगा, जब उसे जमीनी कार्यकर्ताओं की कीमत का एहसास होगा। भाजपा के सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी की दिल्ली इकाई के अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं में मादीपुर और कोंडली सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से समुदाय के लोगों को टिकट न दिए जाने को लेकर भी गहरी नाराजगी’ है।
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दिल्ली प्रदेश भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि सीटें सीमित हैं और दावेदार बड़ी संख्या में हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि जो लोग टिकट पाने से चूक गए हैं, वे निराश होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और इसके नेता यह बात समझते हैं। देर-सवेर, सभी को यह बात समझ में आ जाएगी और वे अपनी नाराजगी छोड़कर पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे।