कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कांग्रेस ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ की तैयारी में जुट गई है। यह यात्रा अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले निष्क्रिय पड़े कांग्रेस संगठन में जान फूंकने की कोशिश होगी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की यह यात्रा राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा से प्रेरित है और इसका मुख्य उद्देश्य राजधानी में दस साल से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी सरकार की नीतियों की आलोचना करना है।
‘दिल्ली न्याय यात्रा’ के जरिए कांग्रेस राजधानी की समस्याओं को उजागर करने और आप सरकार की कथित कमियों को जनता के सामने लाने की कोशिश करेगी। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं का मुख्य फोकस दिल्ली के नागरिकों के लिए चिंताजनक मुद्दों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर रहेगा। दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच रिश्ते खास तौर पर उल्लेखनीय हैं, क्योंकि दोनों ही पार्टियां केंद्र में भारत ब्लॉक का हिस्सा हैं। इसके बावजूद दिल्ली कांग्रेस आम आदमी पार्टी की नीतियों की कड़ी आलोचना करती रही है। ऐसे में इस न्याय यात्रा को आप के खिलाफ खुली लड़ाई की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा सकता है।
दिल्ली न्याय यात्रा की रूपरेखा मोटे तौर पर लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ा न्याय यात्रा’ जैसी ही होगी। इस यात्रा में 200 यात्री होंगे, जो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाएंगे। यह यात्रा करीब एक महीने तक चलेगी, जिसे 4 चरणों में आयोजित किया जाएगा। हर चरण 6 दिन का होगा, जिसके बाद एक दिन का ब्रेक दिया जाएगा। यात्रा का पहला चरण शुक्रवार 8 नवंबर को राजघाट से शुरू होगा और पुरानी दिल्ली के इलाकों- तुर्कमान गेट और बल्लीमारान से होकर गुजरेगा।
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पहले दिन कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल इलाकों पर फोकस करेगी, जहां पिछले दो चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस यात्रा का बेस कैंप यात्रा शुरू होने से एक हफ्ते तक झंडेवालान इलाके में अंबेडकर भवन रहेगा। हर हफ्ते एक नया बेस कैंप बनेगा। एक दिन में 15 से 20 किलोमीटर की यात्रा का लक्ष्य रखा गया है और एक सप्ताह में यात्रा 15-20 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। 8 नवंबर से शुरू होने वाले पहले चरण में यात्रा चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, सदर बाजार, मॉडल टाउन, शालीमार बाग, आदर्श नगर, त्रिनगर, वजीरपुर, बुराड़ी, तिमारपुर और बादली जैसे विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी।
दूसरे चरण में यमुना पार के इलाकों पर फोकस रहेगा और यात्रा उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक बड़े डीडीए ग्राउंड में डेरा डालेगी। यात्रा के तीसरे चरण में जीटी करनाल रोड पर डेरा डाला जाएगा और पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों को टारगेट किया जाएगा। कांग्रेस की इस यात्रा का मकसद साफ है। इसके जरिए आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को अपनी ताकत का अहसास कराना है।
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फिलहाल दिल्ली में मुकाबला दो ध्रुवीय माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस काफी कमजोर है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि जब तक वो सीधे लोगों से नहीं जुड़ेंगे, तब तक हालात बदलने वाले नहीं हैं और तब तक कैडर भी सक्रिय नहीं होगा। ऐसे में पहली चुनौती कांग्रेस को लोगों के बीच में दिखाना है, इसलिए नेता इस यात्रा के जरिए अपनी और पार्टी की विजिबिलिटी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।