चुनाव आयोग, फोटो - मीडिया गैलरी
नई दिल्ली : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की दिशा में चुनाव आयोग यानी ECI ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पहली बार, बिहार के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA-1) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। यह कार्यक्रम इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में आयोजित हुआ, जिसमें बिहार के 10 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के करीब 280 बीएलए-1 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अनोखे पहल का मकसद था इन जमीनी स्तर के चुनावी प्रतिनिधियों की भूमिका और जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से समझाना, ताकि आने वाले चुनाव में मतदाता सूची की शुद्धता और मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता को और मजबूत किया जा सके।
पटना से आए एक बीएलए ने भावुक अंदाज में कहा कि यह ट्रेनिंग हमारे लिए वाकई गेमचेंजर रही। अब हमें हमारी भूमिका और कानूनी दायरे की पूरी समझ है। इससे हम बूथ स्तर पर मतदाता सूचियों को त्रुटिहीन बना पाएंगे।
दिलचस्प बात यह रही कि इस कार्यक्रम में ईसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं आकर प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। एक अन्य प्रतिनिधि ने बताया, “ट्रेनर्स ने जिस बारीकी से हर विषय समझाया, वह काबिल-ए-तारीफ था। अब हमें बीएलए-2 की भी बेहतर ट्रेनिंग देने में आसानी होगी, जिससे यह ज्ञान और भी आगे तक पहुंचेगा।”
मुजफ्फरपुर से आए एक बीएलए ने साझा किया कि इस ट्रेनिंग से बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और बीएलए के बीच समन्वय और मजबूत होगा। इसका सीधा असर मतदाता सहभागिता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर पड़ेगा।
दिल्ली बुलाए जाने पर प्रतिभागियों ने गर्व महसूस किया। एक ग्रामीण क्षेत्र से आए बीएलए ने कहा, कि IIIDEM में ट्रेनिंग पाकर हम खुद को लोकतंत्र का अहम हिस्सा समझने लगे हैं। इससे न केवल हमारी कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि आम मतदाता का चुनाव आयोग पर विश्वास भी मजबूत होगा।
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इस प्रशिक्षण में मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया, मतदाता सूची प्रबंधन और चुनावी प्रणाली में समन्वय जैसे व्यावहारिक विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया। ईसीआई की इस पहल को सभी दलों के प्रतिनिधियों ने सराहा और इसे लोकतंत्र को जमीनी स्तर से सशक्त करने वाला कदम बताया। बिहार चुनाव की तैयारी अब एक नए मुकाम पर है, और इन प्रशिक्षित बीएलए की भूमिका मतदाता जागरूकता और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में बेहद अहम होने वाली है।