अरविंद केजरीवाल, फोटो- सोशल मीडिया
Arvind Kejriwal House Update: दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक के नाते सरकारी आवास देने की याचिका पर सुनवाई हुई। केंद्र ने आश्वासन दिया कि 10 दिन के भीतर उचित आवास आवंटित कर दिया जाएगा। वहीं, आवास के टाइप पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्वस्त किया कि केजरीवाल को 10 दिनों के भीतर उचित आवास आवंटित कर दिया जाएगा।
याचिका पर सुनवाई जस्टिस सचिन दत्ता की कोर्ट में हुई। आम आदमी पार्टी की ओर से सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा, जबकि केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा पेश हुए। SG तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई से जुड़े। SG मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और 10 दिन के भीतर केजरीवाल को उचित आवास प्रदान कर दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि मामले में अंतिम आदेश बयान दर्ज होने के बाद ही पारित किया जाएगा और संबंधित पक्ष मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं।
#BREAKING The Delhi High Court reviewed the allotment of a government bungalow for AAP chief Arvind Kejriwal. Solicitor General Tushar Mehta assured Kejriwal would receive a bungalow within ten days per rules. The court emphasized transparency in the process, noted it affects… pic.twitter.com/FfcWQMiK8I — IANS (@ians_india) September 25, 2025
सुनवाई के दौरान आप की ओर से राहुल मेहरा ने आवास के टाइप पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अब तक अरविंद केजरीवाल को टाइप 7 या 8 का बंगला मिला करता था, लेकिन अब उन्हें टाइप 5 में डाउनग्रेड किया जा रहा है, जो अनुचित है। उन्होंने कहा, “मैं न तो पक्षपाती हूं और न ही किसी विशेष पार्टी से जुड़ा हूं, लेकिन मुझे यह बंगला स्वीकार्य नहीं है।” इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आप खुश नहीं हैं तो “आप इसे स्वीकार न करें। समाधान सॉलिसिटर जनरल से बात करने में है।”
यह भी पढ़ें: करगिल युद्ध में भी हाथ मिलाया, तो अब क्यों नहीं? हैंडशेक विवाद पर थरूर ने टीम इंडिया को दी नसीहत
इसपर SG तुषार मेहता ने आपत्ति का जवाब देते हुए कहा, “केजरीवाल खुद को आम आदमी कहते हैं। कोई भी आम आदमी टाइप 8 बंगले के लिए नहीं लड़ता।”
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि अरविंद केजरीवाल एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक हैं और इसलिए उन्हें दिल्ली में उचित सरकारी आवास मिलना चाहिए। इस पर कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था।