तिहाड़ जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल (सोर्स: एएनआई)
दिल्ली: आबकारी नीति मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी। केजरीवाल को जमानत मिलने की खबर के बाद से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जश्न माहौल हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पार्टी के कार्यकर्ता जमकर जश्न मना रहे हैं। मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को लड्डू बांटें। जमानत मिलने के खबर के बाद से दिल्ली की सड़कों पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं।
जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की। मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है, मुश्किलों का सामना किया लेकिन भगवान ने हमेशा मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मेरा हौसला तोड़ने के लिए उन्होंने मुझे जेल में डाला, लेकिन मेरा हौसला पहले से कहीं अधिक है, जेल मुझे कमजोर नहीं कर सकती।
#WATCH | Delhi CM and AAP national convener Arvind Kejriwal released from Tihar Jail
The Supreme Court granted him bail in the Delhi excise policy case today pic.twitter.com/xacY3zo9fO
— ANI (@ANI) September 13, 2024
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश को कमजोर कर रही राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को शर्तों के साथ जमानत दी हैं।
बता दें कि शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को 10 लाख के बॉन्ड पर जमानत मिली है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं। पहली जमानत याचिका और दूसरी सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत तो दी लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी को भी अवैध नहीं ठहराया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर 4 शर्तें रखी हैं। इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं जा जाएंगें। वे केस से जुड़ी कोई भी सार्वजनिक चर्चा किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं करेंगे। वे जांच में कोई भी बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो केजरीवाल ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग भी करेंगे।