कोयंबटूर सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी पकड़े गए (फोटो- सोशल मीडिया)
कोयंबटूर: तमिलनाडु की कोयंबटूर में 1998 में हुए सीरियल बम धमाकों ने देश को हिला दिया था। हादसे में 58 लोगों की जान गई, 250 से ज्यादा घायल हुए और आरोपी तीन दशक तक फरार रहे। लेकिन अब, तमिलनाडु पुलिस ने प्रतीक्षा के बाद सफलता हासिल कर ली है। डीजीपी शंकर जिवाल के अनुसार, वर्षों की रणनीति और छह महीने चले ऑपरेशन के बाद तीन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। ये कार्रवाई दक्षिण भारत के दो राज्यों में फैले गुप्त अभियानों के तहत अंजाम दी गई।
पुलिस ने अबूबकर सिद्दीकी और मोहम्मद अली को आंध्र प्रदेश के कडप्पा से और सादिक उर्फ टेलर राजा को कर्नाटक के विजयपुरा से गिरफ्तार किया। इन तीनों को साल 1998 के कोयंबटूर धमाकों के अलावा 2013 में बेंगलुरु के मल्लेश्वरम बम विस्फोट के मामले में भी वांछित माना जा रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपी आम जनजीवन में घुल-मिल चुके थे कोई किराने की दुकान चला रहा था, तो कोई दर्जी की दुकान। पुलिस फिलहाल उनके नेटवर्क और संभावित विदेशी कनेक्शन की जांच कर रही है।
तीन दशक की तलाश, छह महीने का ऑपरेशन
डीजीपी शंकर जिवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन अराम और अगाझी के तहत यह सफलता मिली। यह अभियान आंध्र और कर्नाटक पुलिस के सहयोग से छह महीने तक चला। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने बायोमेट्रिक सहित कई आधुनिक मापदंड अपनाए और 24 घंटे में पुष्टि कर ली। पुलिस का कहना है कि सिद्दीकी और अली किसी प्रतिबंधित संगठन से सीधे जुड़े नहीं मिले हैं, लेकिन सादिक के अल-उम्मा से संबंध होने की पुलिस को आशंका है, जो पहले भी आतंक गतिविधियों में शामिल रहा है। पुलिस ने अबूबकर सिद्दीकी और मोहम्मद अली को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से गिरफ्तार किया है। सादिक उर्फ टेलर राजा को कर्नाटक के विजयपुरा से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
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सामान्य जिंदगी में छिपे थे कुख्यात आतंकी
तीनों आरोपी इतने वर्षों से अपनी पहचान छिपाकर सामान्य जिंदगी जी रहे थे। कोई रियल एस्टेट के काम में लगा था, तो कोई दुकानदार बनकर छिपा बैठा था। लेकिन पुलिस की पैनी नजर और टेक्नोलॉजी की मदद से आखिरकार उन्हें पकड़ लिया गया। डीजीपी शंकर ने बताया कि यह गिरफ्तारी सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की लंबी लड़ाई में एक बड़ी जीत है। इन गिरफ्तारीयों के बाद तमिलनाडु पुलिस अब इनके पिछले नेटवर्क, संभावित सहयोगियों और विदेश यात्राओं की जांच कर रही है।