रिश्वतखोर महिला अधिकारी फंसी एसीबी के जाल में। (सौजन्यःसोशल मीडिया)
नागपुर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी की एक टीम ने एक महिला पुलिस अधिकारी को चोरी के एक मामले में आरोप से बचने के लिए 30,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रिश्वतखोर महिला पुलिस अधिकारी का नाम ज्योत्सना प्रभु गिरी उम्र 34 है। 24 घंटे में पुलिस अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने की यह दूसरी घटना है। इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
आरोपी महिला अधिकारी बुटीबोरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है और क्राइम डिटेक्शन टीम की प्रमुख है। 26 वर्षीय शिकायतकर्ता बुटीबोरी क्षेत्र में रहती है। एमआईडीसी बोरी पुलिस ने चोरी के एक मामले में उसके दोस्त को गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच का जिम्मा ज्योत्सना पर था। पुलिस को शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर उसके दोस्त के मोबाइल फोन पर मिला। इसलिए ज्योत्सना ने शिकायतकर्ता को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया।
पूछताछ के दौरान उसका मोबाइल फोन छीन लिया गया। उसे चोरी के आरोप में फंसाने की धमकी दी गई। उस पर झूठा आरोप लगाकर जेल भेजने की तैयारी होने लगी। इससे शिकायतकर्ता युवक डर गया। ज्योत्सना ने शिकायतकर्ता से अपराध में उसे आरोपी न बनाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। समझौता होने के बाद वह 30 हजार रुपये लेने को राजी हो गई। इस बीच युवक ने ज्योत्सना के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज करा दी।
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शिकायत की जांच के बाद ज्योत्सना को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। गुरुवार शाम को ज्योत्सना ने शिकायतकर्ता को पैसे लेकर अपने कार्यालय बुलाया। एसीबी ने वहां पहले से ही जाल बिछा रखा था। ज्योत्सना ने जैसे ही अपने कमरे में परिवादी से 30 हजार रुपये की रिश्वत ली, एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके पास से रिश्वत की रकम जब्त कर ली गई। उनके अपने पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया देर रात शुरू हुई।
बता दें कि पहली एक घटना में एक व्यक्ति के विरुद्ध की ठगी से जुड़े मामले की जांच कर रहा कोराडी थाने में कार्यरत सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) खुद घूसखोरी के आरोप में फंस गया है। बिना कोई कार्रवाई सेटलमेंट कर लेने के लिए घूसखोर सहायक पुलिस निरीक्षक प्रेमानंद दादाराव कात्रे (43) ने फरियादी से 2 लाख की रिश्वत की मांग की थी। एपीआई कात्रे शिकायतकर्ता को इस मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को शिकायत की। इसके बाद एसीबी ने जाल बिछाकर घूसखोर एपीआई को 2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों धरदबोचा।