भूपेश बघेल(फोटो- सोशल मीडिया)
रायपुरः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के परिसरों सहित कई स्थानों पर कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले के सिलसिले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के छापों के एक दिन बाद उन्होंने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संदिग्ध ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच और उसके प्रवर्तकों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। बघेल ने पार्टी कार्यालय राजीव भवन में यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी दावा किया कि राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार (2018-2023) ने इस मुद्दे का खुलासा किया था और ऐप के खिलाफ कार्रवाई की थी।
उन्होंने कहा कि महादेव सट्टेबाजी ऐप को भाजपा का संरक्षण है। भाजपा नहीं चाहती महादेव ऐप पर कार्रवाई हो। हमने अपनी सरकार के दौरान महादेव ऐप पर कार्रवाई की थी, इसलिए हमारे परिसरों पर छापेमारी की गयी। बघेल ने कहा कि बार बार सूचना और सबूत मिलते हैं कि महादेव ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में मजे से रह रहे हैं। ईडी ने छत्तीसगढ़ के अखबारों में झूठी ख़बर छपवाई कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ्तार कर लिया गया है। सच यह है कि कुछ ही दिनों बाद ये दोनों दुबई में पंडित प्रदीप मिश्रा के जजमान बने प्रवचन सुनते पाए गए।
बघेल ने आरोप लगाया कि हमने महादेव ऐप के खिलाफ मार्च 2022 में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन आज भी महादेव ऐप का संचालन हो रहा है और कारोबार मजे से बढ़ता जा रहा है। ज़ाहिर है कि महादेव ऐप चालू है और उसके दोनों संचालक स्वतंत्र घूम रहे हैं। महादेव ऐप और उसके संचालकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का संरक्षण प्राप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए और मार्च 2022 में पहला मामला दर्ज हुआ। इसके बाद एक एक करके कम से कम 74 मामले दर्ज हुए, 200 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए, दो हज़ार से अधिक बैंक खातों पर रोक लगी तथा सैकड़ों उपकरण जब्त किए गए।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों और खुफिया विभाग की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका थी। बघेल ने कहा दिसंबर 2022 में हमने ऑनलाइन सट्टे पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में जुआ एक्ट में संशोधन किया। हमारी ओर से दर्ज मामले और आंध्र प्रदेश में दर्ज एक मामले के आधार पर ही ईडी ने मामला अपने हाथ में लिया। हमने ही गूगल प्ले स्टोर से महादेव ऐप को हटवाया। हमारी पुलिस ने ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को महादेव ऐप के संचालकों की गिरफ्तारी में सहयोग का पत्र लिखा। इसके बाद जून, 2023 को गृह मंत्रालय ने लुक आउट नोटिस जारी किया।