छत्तीसगढ़ के जंगलों में नक्सली। इमेज-सोशल मीडिया
Chhattisgarh Naxalites surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। आज यानी 26 नवंबर को 41 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 32 पर बड़ा इनाम घोषित था। इनकी कुल इनामी राशि एक करोड़ 19 लाख रुपये है। आत्मसमर्पण करने वालों में कई शीर्ष और मध्यस्तरीय नक्सली शामिल हैं। इन पर लाखों रुपए का इनाम था।
पंडरू हपका उर्फ मोहन, उसकी पत्नी बंडी हपका, लक्खू कोरसा, बदरू पुनेम, सुखराम हेमला, उसकी पत्नी मंजूला हेमला उर्फ शांति, मंगली माडवी उर्फ शांति, जयराम कडियम और पांडो मडकम उर्फ चांदनी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। माटा कडियम उर्फ मंगल, जमली कडियम और जोगी मडकम उर्फ मालत पर 5-5 लाख रुपये इनाम घोषित था।
12 नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था। 8 नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा हो रखी थी। अब इन नक्सलियों कोप्रोत्साहन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। ये आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, तेलंगाना स्टेट कमेटी और धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड डिवीजन जैसे महत्वपूर्ण नक्सली संगठनों से जुड़े थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों ने भारतीय संविधान में आस्था व्यक्त की है। इन सभी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का संकल्प लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को प्रोत्साहन राशि के रूप में 50-50 हजार रुपये तुरंत दिए जाएंगे। उन्हें पुनर्वास योजनाओं का लाभ मिलेगा, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में इस साल अब तक 528 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, 560 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। जबकि, जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 144 माओवादी मारे गए हैं।
यह भी पढ़ें: 3.5 लाख इनामी माओवादी का आत्मसमर्पण, नक्सली कोसा उइका ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, थामा शांति का मार्ग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई मौकों पर कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। उनका यह वादा पूरा होता दिखाई दे रहा है। हिडमा के मारे जाने के बाद नक्सलियों में खौफ पैदा हो गया है। खूंखार नक्सल नेता भूपति और रूपेश के सैकड़ों साथियों के साथ आत्मसमर्पण और 7 दिन पहले हुई मुठभेड़ में टॉप नक्सली कमांडर हिडमा के मारे जाने के बाद नक्सलियों में दहशत है।