ईयर एंडर 2025, (डिजाइन फोटो/नवभारत)
Year Ender 2025: भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2025 ‘आईपीओ के स्वर्णिम युग’ के रूप में याद किया जाएगा। दलाल स्ट्रीट पर इस साल ऐसी हलचल रही कि प्राइमरी मार्केट ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। टेक दिग्गजों से लेकर रिलायंस के साम्राज्य तक, दिग्गज कंपनियों ने बाजार में कदम रखा और निवेशकों पर पैसों की ऐसी बारिश की कि कई लोग रातों-रात लखपति बन गए। आइए नजर डालते हैं 2025 के उन 5 सबसे बड़े आईपीओ पर, जिन्होंने बाजार का नक्शा बदल दिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर जब जियो ने अपना स्वतंत्र आईपीओ पेश किया, तो यह भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी लिस्टिंग बन गई। निवेशकों का उत्साह इस कदर था कि यह कई गुना सब्सक्राइब हुआ। लिस्टिंग के दिन ही कंपनी के शेयरों ने 60% से अधिक का प्रीमियम दिया। जिन निवेशकों को इसके लॉट अलॉट हुए, उनकी संपत्ति कुछ ही घंटों में दोगुनी हो गई। इसने न केवल बाजार की लिक्विडिटी बढ़ाई बल्कि रिटेल निवेशकों का भरोसा भी मजबूत किया।
फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स की दिग्गज कंपनी Swiggy के आईपीओ का इंतजार लंबे समय से था। 2025 के मध्य में जब कंपनी लिस्ट हुई, तो इसने जोमैटो (Zomato) के बाद सेक्टर में दूसरी सबसे बड़ी कामयाबी दर्ज की। क्विक कॉमर्स (Instamart) की बढ़ती मांग और प्रॉफिटेबिलिटी के आंकड़ों ने निवेशकों को आकर्षित किया। लिस्टिंग के महज एक हफ्ते के भीतर शेयरों की कीमत में 45% की बढ़त देखी गई, जिससे छोटे निवेशकों को भारी मुनाफा हुआ।
हुंडई इंडिया का आईपीओ ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। मारुति सुजुकी के बाद यह किसी विदेशी ऑटो कंपनी की सबसे बड़ी भारतीय लिस्टिंग थी। कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेगमेंट में भविष्य की योजनाओं ने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया। लिस्टिंग डे पर मिले शानदार गेन्स ने साबित कर दिया कि भारतीय बाजार में ऑटो सेक्टर के लिए अभी भी अपार संभावनाएं हैं।
टाटा ग्रुप की किसी बड़ी इकाई की लिस्टिंग हमेशा से ‘हॉट टॉपिक’ रहती है। 2025 में टाटा की ओर से आए आईपीओ ने निवेशकों को सुरक्षा और ग्रोथ दोनों का अहसास कराया। टाटा के इस आईपीओ में रिकॉर्ड तोड़ आवेदन प्राप्त हुए। विश्लेषकों का मानना है कि इस लिस्टिंग ने मध्यम वर्गीय परिवारों के पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा वैल्यू जोड़ी है।
मॉम और बेबी केयर ब्रांड FirstCry जैसे नए जमाने के स्टार्टअप्स ने भी 2025 में लिस्टिंग की राह पकड़ी। इन कंपनियों ने लिस्टिंग के पहले ही दिन निवेशकों को 30-40% का लिस्टिंग गेन देकर चौंका दिया। डिजिटल इंडिया की बढ़ती ताकत और टियर-2, टियर-3 शहरों में बढ़ते बाजार ने इन शेयरों को रॉकेट बना दिया।
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2025 में आईपीओ मार्केट की सफलता के पीछे मुख्य कारण घरेलू निवेशकों (DII) की भारी भागीदारी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारत पर बढ़ता भरोसा रहा। सेबी (SEBI) के कड़े नियमों ने पारदर्शिता बढ़ाई, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हुई और निवेशकों को सही कीमत पर शेयर मिले।