
(शेयर मार्केट, डिजाइन फोटो)
Year Ender 2025: साल 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए एक उतार-चढ़ाव भरा लेकिन ऐतिहासिक साल रहा है। जहां एक ओर सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाइयों को छुआ, वहीं दूसरी ओर कई बड़े नाम ‘जीरो’ साबित हुए। इस साल की सबसे बड़ी खासियत ‘सेक्टोरल रोटेशन’ रही, जिसमें पुराने दिग्गजों की जगह नए उभरते सेक्टर्स ने बाजी मारी। यहां साल 2025 का लेखा-जोखा है, जिसमें हम उन शेयरों और सेक्टर्स पर चर्चा करेंगे जिन्होंने निवेशकों को मालामाल किया और जिन्होंने जेब खाली कर दी।
इस साल ऑटोमोबाइल, डिफेंस और चुनिंदा वित्तीय सेवाओं ने बाजार में धूम मचाई।
मल्टीबैगर स्मॉलकैप्स: इस साल कुछ पेनी और स्मॉलकैप शेयरों ने अकल्पनीय रिटर्न दिए। GHV Infra Projects जैसे शेयरों ने सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स के दम पर 1700% से ज्यादा की छलांग लगाई, वहीं RRP Semiconductors जैसे एआई (AI) और टेक आधारित शेयरों ने भी निवेशकों को कई गुना रिटर्न दिया।
दिलचस्प बात यह है कि 2024 के जो ‘हीरो’ थे, वे 2025 में सबसे बड़े ‘विलेन’ बनकर उभरे।
Trent (ट्रेंट): टाटा ग्रुप की यह कंपनी, जिसने पिछले साल 133% की तेजी दिखाई थी, इस साल हाई वैल्यूएशन के चलते करीब 43% तक टूट गई।
IRFC (रेलवे स्टॉक): रेलवे सेक्टर में आई सुस्ती और प्रॉफिट बुकिंग की वजह से IRFC ने निवेशकों को निराश किया और इसमें 26% की गिरावट दर्ज की गई।
Reliance Industries (रिलायंस): ओ2सी (O2C) बिजनेस में दबाव और नई ग्रोथ संबंधी चिंताओं के कारण रिलायंस का प्रदर्शन इस साल औसत रहा और इसमें मामूली तेजी या गिरावट का रुख रहा।
IT दिग्गज (TCS & Infosys): वैश्विक मंदी और क्लाइंट्स द्वारा खर्च में कटौती के कारण दिग्गज आईटी शेयरों (TCS, Infosys, HCL Tech) ने 10-20% के बीच निगेटिव रिटर्न दिया।
बाजार की चाल को समझने के लिए सेक्टर्स का प्रदर्शन देखना जरूरी है:
| सेक्टर | प्रदर्शन की स्थिति | प्रमुख कारण |
| डिफेंस (Defence) | शानदार तेजी | स्वदेशीकरण और बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर्स। |
| ऑटो (Auto) | मजबूत | ईवी (EV) एडॉप्शन और प्रीमियम कारों की मांग। |
| आईटी (IT) | सुस्त/गिरावट | वैश्विक आर्थिक चिंताएं और धीमा रेवेन्यू ग्रोथ। |
| गोल्ड ETF | रिकॉर्ड तोड़ | सोने की कीमतों में 70% उछाल से 73% तक रिटर्न। |
डॉलर बनाम रुपया: भारतीय रुपया दिसंबर 2025 में 90 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया, जिससे आयात महंगा हुआ।
FII की वापसी: साल के अंत में (मिड-दिसंबर 2025) विदेशी निवेशकों ने दोबारा खरीदारी शुरू की, जिससे बाजार को ‘सैंटा क्लॉज रैली’ का सहारा मिला।
स्टॉक सेलेक्शन: 2025 ने साबित किया कि अब पूरा बाजार एक साथ नहीं बढ़ता। केवल उन्हीं कंपनियों में पैसा बना जिन्होंने अर्निंग्स (Earnings) दिखाई।
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इस साल शेयर बाजार के आंकड़ों को देखने के बाद यह साफ है कि बाजार में ‘वैल्यूएशन’ से ऊपर कुछ नहीं है। अत्यधिक महंगे शेयर (जैसे ट्रेंट या आईआरएफसी) गिरे, जबकि अंडरवैल्यूड (Undervalued) और ग्रोथ दिखाने वाले शेयरों ने बाजी मारी। 2026 की ओर बढ़ते हुए, विशेषज्ञों की राय है कि निवेशकों को अब ‘क्वालिटी’ और ‘एआई ड्रिवन’ कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।






