
ईयर एंडर, (डिजाइन फोटो-AI)
Year Ender 2025: साल 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए केवल आंकड़ों का साल नहीं रहा, बल्कि यह ‘आम आदमी की जेब’ को मजबूती देने वाला साल साबित हुआ। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल कई ऐसे बड़े नीतिगत बदलाव किए, जिनका सीधा लाभ मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को मिला। जैसे-जैसे हम 2025 को विदा कर रहे हैं, आइए नजर डालते हैं उन 5 बड़े आर्थिक बदलावों पर जिन्होंने आपकी बचत और खर्च करने के तरीके को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
बजट 2025-26 ने करदाताओं को सबसे बड़ा तोहफा दिया। सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया। इसके अलावा, टैक्स स्लैब में किए गए बदलावों की बदौलत ₹8 लाख तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को ‘जीरो टैक्स’ के दायरे में लाया गया। इससे करोड़ों नौकरीपेशा युवाओं और मध्यम वर्गीय परिवारों के हाथ में खर्च करने के लिए अधिक नकदी (Disposable Income) बची।
GST काउंसिल ने इस साल ‘आम आदमी की थाली’ और ‘घर के बजट’ को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। साल 2025 में दालों, डिब्बाबंद दूध उत्पादों और कुछ चुनिंदा घरेलू उपकरणों (जैसे कम बिजली खपत वाले एयर कूलर और हाइब्रिड साइकिल) पर GST दरों को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। इसके अलावा, जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर GST हटाने या कम करने की लंबे समय से चली आ रही मांग पर भी आंशिक राहत दी गई, जिससे इंश्योरेंस लेना सस्ता हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रास्फीति (Inflation) पर नियंत्रण पाते ही 2025 की दूसरी छमाही में **रेपो रेट (Repo Rate)** में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की। इस कदम के बाद बैंकों ने अपने होम लोन और कार लोन की ब्याज दरों में कमी की। उन लोगों के लिए यह साल बड़ी राहत लेकर आया जो भारी ईएमआई (EMI) के बोझ तले दबे थे। नए घर खरीदने वालों के लिए भी यह साल सपनों को सच करने वाला साबित हुआ क्योंकि होम लोन की दरें पिछले तीन वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गईं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सरकार ने घरेलू गैस (LPG) और पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए ‘एनर्जी स्टेबलाइजेशन फंड’ का प्रभावी उपयोग किया। 2025 में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी राशि बढ़ाई गई, जिससे ग्रामीण इलाकों में रसोई का खर्च कम हुआ। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर मिलने वाली सब्सिडी (FAME-III) के विस्तार ने आम जनता को महंगे पेट्रोल-डीजल के विकल्प की ओर बढ़ने में मदद की।
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डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए NPCI और सरकार ने इस साल छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए बड़ी राहत दी। ₹2,000 से कम के डिजिटल भुगतान पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को पूरी तरह समाप्त करने के साथ-साथ, बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले ‘मिनिमम बैलेंस पेनल्टी’ पर RBI ने सख्त गाइडलाइंस जारी कीं। अब बैंकों के लिए छोटे खातों पर भारी जुर्माना लगाना मुश्किल हो गया है, जिससे निम्न आय वर्ग के करोड़ों खाताधारकों को राहत मिली।






