जीडीुपी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : इस साल इंडियन इकोनॉमी दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन चुकी है। हालांकि ग्लोबल आधार पर ये स्थिति कमजोर रही है। वर्ल्ड फाइनेंशियल फोरम ने गुरूवार को एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि कुछ सुस्ती के संकेतों के बाद भी भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के मजबूत स्थिति में रहने की उम्मीद की जा रही है। इससे उलट, ग्लोबल इकोनॉमी को साल 2025 में अहम चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
दुनियाभर के प्रमुख इकोनॉमिस्ट के द्वारा किए गए विश्लेषण के आधार पर तैयार रिपोर्ट में ये कहा जा रहा है कि इकोनॉमिक ग्रोथ के आधार पर दक्षिण एशिया लगातार तेजी से बढ़त बना रहा है। 61 प्रतिशत प्रमुख इकोनॉमिस्ट का ये मानना है कि साउथ एशिया की जीडीपी इस साल सबसे मजबूत प्रदर्शन कर सकती है। इस सेक्टर में ये प्रदर्शन भारत की मजबूत परिस्थिति को दर्शाता है। भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ के अनुसार, भारत का इकोनॉमिक ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर पिछले 2 सालों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि आरबीआई के द्वारा जारी किए गए अनुमान से भी कम है।
वर्ल्ड फाइनेंशियल फोरम ने कहा है कि उपभोक्ता डिमांड की कमी और कमजोर उत्पादकता के चलते चीन के लिए दृष्टिकोण अच्छा नहीं है। आने वाले सालों में चीन की ग्रोथ रेट धीरे-धीरे धीमी हो सकती है।
उद्योग मंडल फिक्की ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ रेट अनुमान को 7 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज यानी फिक्की के ताजे आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज की गई ग्रोथ रेट की तुलना में काफी कम है। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी का ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत था। फिक्की ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता है।