आठवां वेतन आयोग, (कॉन्सेप्ट फोटो)
8th Pay Commission Latest Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने इस साल की शुरुआत में आठवें वेतन आयोग की मंजूरी दे दी है। जिसके बाद से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को नए वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, लगभग 8 महीने बाद भी इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुआ है। ऐसे में आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से संसद में पिछले दिनों बयान दिया गया था।
हाल ही में इस मामले को लेकर नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC JCM) की ओर से कैबिनेट सेक्रेटरी को एक लेटर लिखा गया था, जिसमें टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) में हो रही देरी और अनिश्चितताओं की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में दुविधा की ओर ध्यान खींचा गया था।
आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर नेशनल काउंसिल- ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (स्टाफ साइड) सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि सरकार से इस वक्त यही मांग है कि जल्दी एक नए पे कमीशन का गठन किया जाए। इसके साथ ही टर्म ऑप रिफरेंस तय हो जाए। क्योंकि इस प्रक्रिया में हो रही देरी की वजह से सरकारी कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है।
शिव गोपाल मिश्रा ने आगे कहा कि अगर बिना देरी के इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो फिर वह आक्रोश बाहर भी दिखाई देगा। शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इस बारे में उनकी तरफ से कैबिनेट सेक्रेटरी को भी बताया गया है। उन्होंने कहा कि जब ये सबकुछ तय हो जाएगा उसके बाद ही वे सरकार के पास जाएंगे कि कितना मिनिमम वेज और फिटमेंट फैक्टर फॉर्मूला चाहिए। इसके अलावा कितने भत्तों में बढ़ोतरी होनी चाहिए।
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नेशनल काउंसिल- ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (स्टाफ साइड) सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जैसे ही टर्म ऑफ रिफरेंस पर बात बन जाएगी उसके बाद मौजूदा वेतन आयोग और नए वेतन आयोग कोई बड़ा फर्क नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस जरूरी होता है। लेकिन जब बात वेतन आयोग की हो तो यह और भी ज्यादा जरूरी है।