एसआईपी बंद करने का सही समय कब। इमेज-एआई
SIP Pause Rules: व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) यानी किस्तों में निवेश करने का आसान तरीका है। इसमें हर महीने छोटी-छोटी रकम लगती है। इस चलते बजट पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। कई लोग SIP शुरू करते हैं, लेकिन समझ नहीं पाते कि इसे कब तक जारी रखना चाहिए। SIP के जरिए निवेश करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि निश्चित समय के लिए निवेश करते रहें। इसमें रुकावट नहीं आए। साथ ही गिरावट होते समय धैर्य न खोएं। अब सवाल है कि एसआईपी में निवेश शुरू कर दिया, लेकिन समझ नहीं आ रहा कि इसे कब बंद करें या कब तक निवेश करते रहे?
एसआईपी में निवेश करना आसान है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि इसे कब तक जारी रखना चाहिए। कई लोग कुछ साल निवेश करके रिटर्न की उम्मीद करने लगते हैं। एसआईपी का असली फायदा लंबे समय में मिलता है। आप 2–3 साल के लिए एसआईपी करते हैं तो आपका रिटर्न पूरी तरह बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा। इस छोटे समय में कंपाउंडिंग का लाभ बहुत कम मिलता है, इसलिए मुनाफा सीमित रहता है।
कंपाउंडिंग का असली असर तब दिखता है, जब आप लगातार 7–10 साल निवेश करते हैं। जितनी लंबी अवधि होगी, उतना ज्यादा आपका पैसा बढ़ेगा। रिटर्न भी बेहतर होंगे। एसआईपी कितने समय तक करनी है, यह व्यक्तिगत लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आप बच्चों की पढ़ाई, शादी या लंबे समय के किसी बड़े लक्ष्य के लिए निवेश कर रहे तो 15–20 साल तक एसआईपी चलाना फायदेमंद होता है। कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड में ज्यादा रिटर्न तब मिलता है, जब इसे लंबे समय तक जारी रखते हैं। इस कारण एसआईपी को जल्द रोकने के बजाय जितना संभव हो, उतने लंबे समय तक निवेश करना समझदारी है।
1. जब लक्ष्य पूरा हो तो उसी फंड में पैसा डालते रहना जरूरी नहीं।
2. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के लिए बड़ी SIP को छोटे हिस्सों में बांटकर अलग-अलग फंड में निवेश करना चाहिए।
3. गलत फंड चुनने पर कोर्स करेक्शन यानी Systematic Transfer Plan के जरिए बेहतर फंड में बदलाव करना।
4. सेक्टोरल फंड्स में घाटा होने पर समय रहते इंडेक्स या डायवर्सिफाइड फंड में स्विच करना सही है।
5. वित्तीय संकट या आपात स्थिति। जैसे-मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी छूटने पर SIP रोकना अस्थायी राहत दे सकता है।
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आपने किसी वजह से SIP बंद कर दी है तो परेशान नहीं होना है। इसे कभी भी दोबारा शुरू कर सकते हैं। इसके लिए नया खाता खोलने की भी जरूरत नहीं पड़ती। चाहे तो उसी फंड में फिर ऑटो डेबिट शुरू कर सकते हैं या नए फंड में निवेश बढ़ा सकते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि निवेश में नियमितता और अनुशासन जरूरी है। SIP को थोड़े समय के लिए रोकना ठीक है, लेकिन लंबे समय तक निवेश से दूर रहना वित्तीय बढ़त को धीमा कर सकता है। ऐसे में हालात के हिसाब से लचीलापन रखना समझदारी है।