नरेंद्र मोदी, (फाइल फोटो)
Union Government On Arrears DA: देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, 8वें वेतन आयोग की चर्चाओं के बीच केंद्र सरकार ने बकाया महंगाई भत्ते पर बयान दिया है। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोविड-19 के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के बकाया जारी नहीं किए जाएंगे।
सरकार की तरफ से यह जवाब संसद में पूछे गए एक सवाल के बाद आई है, जिसमें यह पूछा गया था कि क्या जनवरी 2020 से जून 2021 तक लागू 18 महीने के डीए/डीआर पर लगी रोक महामारी के बाद देश की आर्थिक सुधार को देखते हुए पुनर्विचार किया जाएगा।
वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी संसद में जवाब देते हुए कहा कि 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी उपायों के फंड का वित्तीय भार फाइनेंशियल ईयर 2020-21 से आगे भी जारी रहा। इसलिए डीए/डीआर का बकाया जारी करना संभव नहीं हो सका।
बता दें कि महंगाई भत्ता यानी की डीए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव को करने में मदद के लिए प्रदान की जाती है। जबकि पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत यानी की डीआर भी इसी मकसद से दी जाती है।
वित्त राज्य मंत्री के ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब 8वें वेतन आयोग को लेकर अभी भी अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसे केंद्र की मोदी कैबिनेट ने जनवरी में मंजूरी दे दीथी। हालांकि, पैनल का अधिकारिक रूप से गठन होना अभी बाकी है। आयोग के गठन के बाद हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा और एक रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें आमतौर पर एक वर्ष से अधिक का समय लग सकता है।
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वेतन आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर और सभी सैलरी स्ट्रक्चर में सुधार को लेकर सिफारिश करेगी। गौरतलब है कि जब भी नया वेतन आयोग लागू होता है, तो स्टैंडर्ड प्रोसेस के अनुसार, डीए कंपोनेंट को जीरो कर दिया जाता है। वर्तमान समय में सातवें वेतन आयोग के तहत, डीए मूल वेतन का 55 फीसदी मिलता है।