बॉयकॉट तुर्की (सौ. डिजाइन फोटो )
भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच एक ऐसा देश भी है जो काफी चर्चा में है। ये देश कोई और नहीं बल्कि तुर्की है, जिसने इन हालातों में खुलकर पाकिस्तान का सपोर्ट किया था। तुर्की के इस कदम के बाद भारतीयों में इस देश के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।
भारतीयों की नाराजगी का असर ये है कि तुर्की के टूरिज्म सेक्टर पर इसका सीधा असर देखा जा सकता है। देश के कई ऐसे लोग है जिन्होंने तुर्की का विरोध करने के लिए यहां घूमने जाने का प्लान कैंसिल कर दिया और सोशल मीडिया भी बॉयकॉट तुर्की की मुहिम तेज हो गई है।
पिछले साल 2024 में भी मालदीव के साथ ऐसा ही हुआ था। जनवरी 2024 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए थे। तब कुछ मालदीव के मंत्रियों ने भारत के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया था। जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई थी। साथ ही भारतीय टूरिस्ट ने मालदीव को बॉयकॉट भी किया था। जिसका सीधा असर वहां की इकोनॉमी पर पड़ा था, क्योंकि मालदीव की जीडीपी का 28 प्रतिशत हिस्सा टूरिज्म से आता है।
साल 2023 में इंडियन टूरिस्ट ने दुनिया भर में घूमने में 18 अरब डॉलर खर्च कर दिए थे। जिससे ये पता चलता है कि आज इंडियन ट्रैवलर ना सिर्फ टूरिस्ट, बल्कि पूरी ग्लोबल टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत इकोनॉमिक पावर हैं। यदि भारत के लोग किसी भी देश का बॉयकॉट करते हैं, तो वो सिर्फ सोशल मीडिया ट्रेंड नहीं होता है, बल्कि उस देश की इकोनॉमी के लिए भी एक बहुत बड़ा झटका हो सकता है।
पिछले कुछ सालों में तुर्की इंडियन टूरिस्ट के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन हुआ करता था। लोग वहां सिर्फ घूमने ही नहीं बल्कि शादी करने, हनीमून मनाने और फैमिली ट्रिप पर भी जाते थे। साल 2023 में सिर्फ 2.74 लाख इंडियन टूरिस्ट तुर्की घूमने गए थे और साल 2024 में ये संख्या बढ़कर 3.5 लाख पहुंच गई थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
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साल 2025 में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया, जिससे भारत के लोग काफी नाराज हैं। तुर्की की मीडिया ने भी भारत के खिलाफ चर्चा की। जिससे इंडियन जनता और ट्रैवल कंपनियों में भी गुस्सा बढ़ गया है। जिसका ये नतीजा निकला कि भारत की कई ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्की के टूर पैकेज को बंद कर दिया है। साथ ही कई भारतीयों ने भी तुर्की जाने का प्लान कैंसिल कर दिया है। तुर्की को इंडियन टूरिस्ट से काफी फायदा होता था। साल 2025 में तुर्की सरकार को उम्मीद थी कि भारत से आने वाले टूरिस्टों से 300 मिलियन डॉलर यानी लगभग 2500 करोड़ रुपये की कमाई होगी। हालांकि अब अगर बॉयकाट लंबा चला, तो तुर्की को करीब 150200 मिलियन डॉलर यानी 1200 से 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।