बायजू रवींद्रन ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) के उस फैसले को आज खारिज कर दिया जिसमें उसने संकटग्रस्त शैक्षणिक प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी।
आज इस मामले पर चीफ जस्टीस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टीस जे. बी. पारदीवाला और जस्टीस मनोज मिश्रा की पीठ ने NCLAT के उस आदेश को भी पलट दिया, जिसमें बायजू को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को मंजूरी दी गई थी।
Supreme Court sets aside the decision of National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) closing the insolvency proceedings against ed-tech company Byju’s by accepting a settlement between it and the Board of Control for Cricket in India (BCCI) for about Rs 158 crores. Supreme… pic.twitter.com/dnZ67bv7ES — ANI (@ANI) October 23, 2024
वहीं न्यायालय ने क्रिकेट बोर्ड को 158.9 करोड़ रुपये की निपटान राशि ऋणदाताओं की समिति के पास जमा करने का निर्देश दिया। पीठ ने NCLAT के आदेश के खिलाफ अमेरिकी कंपनी ग्लास ट्रस्ट कंपनी LLC की याचिका पर अपना फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि NCLAT ने शैक्षणिक प्रौद्योगिकी प्रमुख के खिलाफ दिवाला कार्यवाही बंद करते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और मामले में नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया।
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वहीं NCLAT ने दो अगस्त को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया निपटान को मंजूरी देने के बाद बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया था। यह फैसला बायजू के लिए बड़ी राहत लेकर आया था, क्योंकि इसने प्रभावी रूप से इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को फिर से नियंत्रक स्थिति में ला दिया था।
हालांकि, यह राहत बस थोड़े समय की ही रही क्योंकि बायजू को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को NCLAT के फैसले पर रोक लगा दी थी। मामला BCCI के साथ एक प्रायोजन सौदे से संबंधित 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में बायजू की चूक से जुड़ा हुआ है। (एजेंसी इनपुट के साथ)