शेयर मार्केट, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Stock Market Wrap: शेयर बाजार में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को लगातार 6ठें दिन भी बिकवाली देखी गई। निफ्टी में बीते हफ्ते जितनी गिरावट आई है, उसने पिछले 7 महीने का सबसे खराब हफ्ते का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सेंसेक्स 733 अंक गिरकर 80,426 पर बंद हुआ, तो वहीं निफ्टी-50 236 अंक टूटकर 24,654 पर कारोबार बंद किया।
आखिरी कारोबारी सत्र में टॉप गेनर्स में L&T सबसे आगे रहा, जिसका शेयर 2.77% चढ़कर ₹3,745 पर बंद हुआ। इसके अलावा टाटा मोटर्स 1.47% बढ़कर ₹674, ITC 1.21% बढ़कर ₹405.05, रिलायंस 0.48% बढ़कर ₹1,379 और मारुति 0.18% बढ़कर ₹16,299.40 पर रहे।
इसके साथ ही टॉप लूजर्स की बात करें तो महिंद्रा एंड महिंद्रा पर सबसे ज्यादा दबाव दिखा, जिसका शेयर 3.62% गिरकर ₹3,400.25 पर आ गया। टाटा स्टील 2.84% टूटकर ₹167.40, Eternal 2.83% गिरकर ₹322.90, बजाज फाइनेंस 2.75% फिसलकर ₹985 और एशियन पेंट्स 2.62% घटकर ₹2,340 पर बंद हुए।
शुक्रवार को सेक्टोरल इंडेक्स में ज्यादातर दबाव ही देखने को मिला। आईटी इंडेक्स 2.45% टूटकर सबसे बड़ा लूजर रहा, जबकि फार्मा 2.14% और हेल्थकेयर 2.06% गिरा। मेटल इंडेक्स में भी 1.93% की कमजोरी आई। इसके अलावा पीएसयू बैंक 1.78%, प्राइवेट बैंक 1.12% और फाइनेंशियल सर्विसेज 1.11% गिरावट में रहे। ऑटो, मीडिया और रियल्टी इंडेक्स भी 1% से ज्यादा गिरे। वहीं, FMCG इंडेक्स ने तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया और सिर्फ 0.47% नीचे रहा। कुल मिलाकर, लगभग सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए और बाजार में दबाव का माहौल हावी रहा।
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को गिरावट का सिलसिला जारी रहा था। जहां शुरुआती कारोबार के दौरान बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में खुले। ट्रेड के दौरान बीएसई सेंसेक्स 354.90 अंक या 0.44 प्रतिशत गिरावट के साथ 80,804.78 अंक पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 72.45 अंक या 0.29 प्रतिशत टूटकर 24,818.40 अंकों पर कारोबार कर रहा था।
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बीते हफ्ते के आखिरी सत्र में बिकवाली का एक बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मा सेक्टर पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा रही। एक्सपर्ट की मानें तो ट्रंप अब देश-विशेष की बजाय प्रोडक्ट-विशेष टैरिफ की ओर बढ़ रहे हैं। भारत जेनेरिक दवाओं का बड़ा निर्यातक है, इसलिए फिलहाल उस पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आगे चलकर जेनेरिक दवाएं भी निशाने पर आ सकती हैं। इस वजह से फार्मा शेयरों पर सेंटीमेंटल दबाव बना है और बाजार में गिरावट गहराई है।