शेयर मार्केट, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई : ग्लोबल बाजारों में गिरावट आने के चलते भारत के शेयर बाजार पर भी इसका असर होते हुए नजर आ रहा है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन पर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों नुकसान के साथ बंद हुए हैं। ग्लोबल ट्रेड के खतरे से पैदा होने वाली चिंता के असर के कारण घरेलू बाजार में गिरावट का रुख जारी है।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स एक समय पर 796.75 अंकों तक लुढ़क गया था। हालांकि, बाद में इसमें सुधार आने के बाद और आखिर में ये 77.26 अंक के नुकसान के साथ बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी भी 34.10 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,716.60 अंक पर बंद हुआ। ट्रेड के दौरान, एक समय यह 224.55 अंक टूट गया था।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाइटन, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। दूसरी ओर, अदाणी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, इटर्नल और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रॉफिट में रहे हैं। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंग सेंग और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी सकारात्मक दायरे में रहा। चीन में मार्केट छुट्टी के कारण बंद रहे।
इस बीच, भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट मई में तीन महीने के निचले स्तर 57.6 पर आ गई। मुद्रास्फीति दबाव, कमजोर मांग और भू-राजनीतिक परिस्थितियां इसका प्रमुख कारण रहा हैं। सोमवार को जारी मंथली सर्वे में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ यानी पीएमआई मई में घटकर 57.6 रहा, जो अप्रैल में 58.2 था। यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे कमजोर सुधार को दर्शाता है।
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नायर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती, बेहतर मानसून, चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और जीएसटी संग्रह समेत सहायक घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक इंडीकेटर्स से भी बाजार को सपोर्ट मिल रहा है। ग्लोबल ऑयल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड 3.28 प्रतिशत चढ़कर 64.84 डॉलर प्रति बैरल रहा। शुक्रवार को सेंसेक्स 182.01 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 82.90 अंक की गिरावट आई थी।