नटराजन चंद्रशेखरन (सौ. डिजाइन फोटो )
देश के सबसे दिग्गज बिजनेसमैन रहे रतन टाटा का पिछले साल ही निधन हो गया था। जिसके बाद से ही टाटा ग्रुप और टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर एन चंद्रशेखरन को चुना गया था। ऐसा माना जाता है कि चंद्रशेखरन रतन टाटा के बेहद करीबी लोगों में से एक थे।
एन चंद्रशेखरन जिनका पूरा नाम नटराजन चंद्रशेखरन हैं। 2 जून 1963 को तमिलनाडु के मोहानूर में उनका जन्म हुआ था। चंद्रशेखरन एक इंडियन बिजनेसमैन होने के साथ ही मौजूदा समय में टाटा संस और टाटा ग्रुप के चेयरमैन हैं। नटराजन टाटा समूह का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-पारसी और प्रोफेशनल ऑफिसर बन गए हैं। उन्हें रतन टाटा के दायां हाथ के तौर पर माना जाता था।
अगर एन चंद्रशेखरन की बात की जाए, तो वे बचपन से ही एक बेहतरीन छात्र थे। उन्होंने शुरूआती पढ़ाई अपने गांव महनूर के एक तमिल सरकारी स्कूल से की थी। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एप्लाइड साइंसेज में बेचलर की डिग्री प्राप्त की थी। ग्रेजुएशन के बाद से ही चंद्रशेखरन ने 1986 में तिरुचिरापल्ली के एक रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, जो अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है, वहां से मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन यानी एमसीए की पढ़ाई पूरी की।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद चंद्रशेखरन ने साल 1987 में टीसीएस से ज्वाईन हुए थे और 6 अक्टूबर को सिर्फ 46 साल की उम्र में कंपनी के सीईओ का पद संभाला था और कंपनी के सबसे युवा सीईओ भी बने रहे थे। इससे पहले भी वे टीसीएस के सीओओ और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में से एक रहे थे। एन चंद्रशेखरन साल 2017 से ही टाटा संस और टाटा ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनके नेतृत्व में साल 2022 में टाटा ग्रुप का प्रॉफिट 64267 करोड़ रुपये रहा था।
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अगर एन चंद्रशेखरन की सालाना आय के बारे में बात की जाए, तो साल 2019 में उनकी ईयरली सैलरी 65 करोड़ रुपये थी, जिसे साल साल 2021-22 में बढ़ाकर सालाना आधार पर 109 करोड़ रुपये कर दिया गया था। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 में उनकी सैलरी में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ था, जिसके बाद उनकी सैलरी 135 करोड़ रुपये सालाना हो गई।