
डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के पार (सोर्स- सोशल मीडिया)
Inflation India Impact: बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। यह पहली बार है जब रुपया 90 के पार चला गया, जिसने आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालना शुरू कर दिया है। फॉरेन फंड्स के बाहर जाने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया है। रुपये की इस कमजोरी से दैनिक जरूरत की चीजें, ईएमआई और शिक्षा खर्च सब बढ़ने वाले हैं।
बुधवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया। इस बड़ी गिरावट का असर अब सिर्फ शेयर बाजार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीधे आम भारतीय परिवारों की जेब पर पड़ने वाला है। भारत अपनी 90% कच्चे तेल की जरूरतें और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कई जरूरी चीजें आयात करता है, जिसका भुगतान डॉलर में होता है। रुपया कमजोर होने से आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं, यानी अब हमें वही सामान खरीदने के लिए ज्यादा रुपये चुकाने होंगे।
रुपये की इस कमजोरी से सबसे ज्यादा मार निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों पर पड़ेगी-
जो परिवार अपने बच्चों को विदेश में पढ़ा रहे हैं, उनके लिए यह गिरावट एक बड़ा झटका है।
रुपये की कमजोरी के पीछे तीन बड़े कारण हैं-
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यह गिरावट उन अप्रवासी भारतीयों के लिए अच्छी खबर है जो भारत में अपने परिवार को पैसा भेजते हैं। डॉलर के मुकाबले अब उन्हें ज्यादा रुपये मिलेंगे। उदाहरण के लिए, 500 डॉलर भेजने पर अब लगभग 45 हजार रुपये मिलेंगे।






