रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (फाइल फोटो)
मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा शुक्रवार को द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी मीटिंग की समीक्षा पेश करने वाले हैं। ऐसी उम्मीज जतायी जा रही है कि इस मीटिंग के बाद रेपो रेट में बदलाव देखने के लिए मिल सकता है।
आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा टैरिफ लगाए जाने के कारण पैदा होने वाले ट्रेड वॉर के खतरे के बीच इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के लिए लगातार तीसरी बार रेपो रेट में 0.25 बेसिक प्वाइंट या इससे भी ज्यादा की कटौती की उम्मीद की जा रही है।
आरबीआई की दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की 3 दिवसीय मीटिंग 4 जून से शुरू होकर 6 जून को खत्म होने वाली हैं। केंद्रीय बैंक आरबीआई ने गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी की सिफारिशों पर इस साल फरवरी और अप्रैल में प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की थी।
रिजर्व बैंक ने गुरूवार को बताया कि मल्होत्रा 6 जून दिन शुक्रवार को सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे। ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती की बात कही गई है।
आरबीआई के एक आकलन के अनुसार, फरवरी 2025 से रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती के उत्तर में, ज्यादातर बैंकों ने अपनी रेपो से संबद्ध बाह्य मानक-आधारित ब्याज दरों यानी ईबीएलआर और कोष की सीमांत लागत-आधारित उधार दर यानी एमसीएलआर को कम कर दिया है। एमपीसी में आरबीआई के 3 सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त 3 बाहरी सदस्य शामिल हैं। आरबीआई के सदस्य हैं: गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन। बाहरी सदस्य हैं नई दिल्ली स्थति औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी नागेश कुमार; अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य और दिल्ली स्थित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक प्रो. राम सिंह।
(एजेंसी इनपुट के साथ)